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"असंवेदनशील दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने PM-CM मीटिंग में की ओछी राजनीति"

Update: 2021-04-23 12:46 GMT

भोपाल/नईदिल्ली। देश में बढ़ रहे कोरोना की दूसरी लहर ने चारों ओर भय का वातावरण बना दिया है। राजनितिक मत भिन्नता के सभी दल और सरकारें अपना हर संभव प्रयास कर रही हैं। लेकिन कुछ ऐसे राजनेता भी हैं जो स्थिति को सँभालने में मदद करने के स्थान पर अपनी राजनीतिक जमीन बनाने, चमकाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रयास यह भी है की एक - दूसरे पर आरोप लगाकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएँ। ऐसा ही एक वाक्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 11 राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ बैठक में उत्पन्न हुआ। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने अपने सुझाव दिए और अपने राज्यों में चल रहे प्रयोगों के बारे में जानकारी दी। लेकिन जब दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बारी आयी तो उन्होंने सुझाव देने और अपने राज्यों में चल रहे प्रयोगों के बारे में जानकारी देने की बजाये (क्या बताने के लिए कुछ था भी...सोशल मीडिया पर जनता पूछ रही है सवाल) उल्टा दूसरे राज्यों और केंद्र पर आरोप लगाना शुरू कर दिए। इतना ही नहीं आंतरिक चर्चा का लाइव टेलीकास्ट भी कर दिया। जिससे जनता में यह सन्देश जाए की मेरी जिम्मेदारी नहीं हैं यह तो केंद्र का विषय है। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी इस बैठक में शामिल हुए। उपरान्त मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सोशल मीडिया पर केजरीवाल को जबाव दिया। 

शिवराज सिंह ने लिखा की - 

"आज प्रधानमंत्री जी के साथ 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की हाई लेवल इंटरनल बैठक थी, जिसमें कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए राज्यों से सुझाव लिए जाने थे एवं रणनीति तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण चर्चा होनी थी। इस हाई लेवल इंटरनल बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने ओछी राजनीति करते हुए बैठक का लाइव टेलीकास्ट कर दिया और सुझाव देने के स्थान पर केंद्र सहित अन्य राज्यों पर आरोप लगाने शुरू कर दिए, जो बेहद अनुचित है और प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। यह बेहद निंदनीय कृत्य है।

केजरीवाल जी आपके इस कृत्य से आप की असंवेदनशीलता उजागर होती है, आप राष्ट्रीय मुद्दों के प्रति कितने गंभीर हैं, आपके इस आचरण से पता चलता है; आप स्वयं एक संवैधानिक पद पर हैं, आपने अपने पद की गरिमा को भी धूमिल किया है। इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए, कुछ मुख्यमंत्रियों ने राजनैतिक मत भिन्नता होते हुए भी अपनी बात शालीनता के साथ रखी, अपने सुझाव दिये और अपने राज्यों के अभिनव प्रयोग भी साझा किये।

मैं भी 14 साल से मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहा हूं, मैं प्रधानमंत्री जी के साथ अनेक बैठकों में शामिल हुआ हूं, लेकिन कभी ऐसा गैर-जिम्मेदाराना कृत्य नहीं किया; सदैव प्रधानमंत्री जी की गरिमा का सम्मान किया। मैं तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के साथ भी बैठक में शामिल हुआ, वैचारिक मतभेद होने के बाद भी सदैव उनका सम्मान किया; प्रधानमंत्री जी के पद की गरिमा का हमेशा ख्याल रखा।

केजरीवाल जी यह संकट का समय है, यह समय राजनीति का नहीं; बल्कि राष्ट्रीय एकता का परिचय देने का समय है। धैर्य और गंभीरता के साथ अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए कोरोना की विषम परिस्थितियों से निपटना है। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम सब मिलकर कोरोना को जरूर हरायेंगे।"




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