राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई शुरू

Update: 2020-07-20 06:17 GMT

नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच आज सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों की याचिका पर हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हो रही है। चीफ जस्टिस इंद्रजीत महंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता इस मामले में सुनवाई कर रहे हैँ। पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए फिलहाल स्पीकर को कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी।

सोमवार सुबह 10 बजे तक के लिए सुनवाई टाल दी गई थी। आपको बता दें कि पायलट और 18 कांग्रेस विधायकों ने हाईकोर्ट में राजस्थान विधानसभा के स्पीकर के उस नोटिस को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें कांग्रेस द्वारा अयोग्य ठहराने की बात कही गई है।

>>सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 बागी विधायकों की याचिका पर राजस्थान विधानसभा के स्पीकर की तरफ से कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी दलील पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्पीकर के आदेश के जिस आधार पर चैलेंज किया जा सकता वह याचिका में दर्ज ही नहीं है।

>>चीफ जस्टिस इंद्रजीत मोहंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता मामले याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं।

>>सुनवाई शुरू होने से पहले कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कोर्ट को अर्जी देकर अनुरोध किया था कि इस संबंध में कोई भी आदेश देने से पहले उनका भी पक्ष सुना जाए। जोशी ने ही विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इन विधायकों को अयोग्य करार देने का अनुरोध किया है।

>>कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी कि इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सभी को नोटिस जारी किया। पायलट खेमे के विधायकों का कहना है कि पार्टी का व्हिप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो।

विधानसभा अध्यक्ष को भेजी गयी शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। इस प्रावधान के तहत अगर कोई विधायक अपनी मर्जी से उस पार्टी की सदस्यता छोड़ता है, जिसका वह प्रतिनिधि बनकर विधानसभा में पहुंचा है तो वह सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाता है।

अगर राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान सचिन पायलट और उनके समर्थक अन्य बागी विधायकों को अयोग्यता से राहत मिलती है तो कांग्रेस ने इसके विकल्प में एक अन्य प्लान भी तैयार कर रखा है। पिछले हफ्ते सचिन पायलट कैम्प पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस के खिलाफ कोर्ट में गए हैं। विधानसभा स्पीकर ने सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों को दलबदल कानून के तहत विधानसभा सदस्यता से अयोग्य करार देने के लिए उन सभी को नोटिस जारी किया हुआ है।

इस बीच, राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार रात अचानक राजभवन में पहुंचकर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। करीब 45 मिनट तक हुई मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई। ऐसे में चर्चा है कि बुधवार से विधानसभा का एक संक्षिप्त सत्र बुलाया जा सकता है।

गहलोत के साथ कांग्रेस के 88, बीटीपी के 2, आरएलडी के एक और 10 निर्दलीय विधायक हैं। इसके साथ ही माकपा के बलवान पूनिया ने कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही है। हालांकि, माकपा के दूसरे विधायक गिरधारीलाल भी गहलोत खेमे का समर्थन कर सकते है। ऐसे में कांग्रेस का आंकड़ा 102 या 103 हो सकता है। जबकि पायलट गुट के साथ कांग्रेस के 19 और निर्दलीय तीन विधायक हो सकते हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के पास 72 और रालोपा के 3 विधायकों का समर्थन यानी कुल 75 विधायक हैं।

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