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सरकार ने Twitter को भेजा नोटिस, कहा- ये आखिरी मौका ...

Update: 2021-06-05 10:07 GMT

नईदिल्ली। नए IT कानूनों को लेकर सरकार और ट्विटर के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। आईटी मंत्रालय ने आज आखिरी चेतावनी देते हुए अंतिम नोटिस जारी किया है। IT मंत्रालय द्वारा दिए गए नोटिस  में साफ -साफ कहा गया है की जल्द से जल्द नए नियम लागू करे नहीं तो गंभीर परिणाम भूगतना पड़ सकते है।  सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में आईटी के प्रमुख वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 4 जून को हुई बैठक में ये फैसला लिया गया है।

सरकार ने टेक्नोलॉजी ने ट्विटर को लिखा की 28 मई और 2 जून को आपके द्वारा दिए गए जवाब से निराशा हुई है, आपने नाही नियमों पूर्ण रूप से लागू किया और नाही पूछे गए सवालों के जवाब दिए है।  सरकार ने ट्विटर को जिसे नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन नॉमिनेट किया है, वह भारत में ट्विटर का कर्मचारी नहीं बल्कि एक कानूनी फर्म है। आज भेजे गए नोटिस में सरकार ने ट्विटर को एक स्थानीय शिकायत अधिकारी और एक नोडल संपर्क व्यक्ति को नियुक्त करने के निर्देश दिए है।

इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय ने इस संबंध में ट्विटर को चेतावनी भरा पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि सरकार की ओर से उसे आखिरी चेतावनी दी जा रही है।पत्र के अनुसार नए आईटी नियम 26 मई से लागू हो गए हैं और ट्विटर ने इसपर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। साथ ही उसने कोई ऐसे संकेत नहीं दिए हैं कि वह इनका अनुपालन करना चाहता है। कंपनी ने मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है। उसने शिकायत निवारण तथा नोडल संपर्क अधिकारी के नाम दिए हैं लेकिन दोनों कंपनी से नहीं है साथ ही उसका ऑफिस पता भी किसी लॉ फर्म का पता है।

मंत्रालय ने कहा है कि नए नियमों को लागू हुए एक सप्ताह बीत गया है और ट्विटर लगातार अनुपालन से इनकार कर रहा है। ट्विटर देश के नागरिकों को सुरक्षित मंच मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। वह अपनी प्रतिबद्धता को नहीं निभा रहा है। सरकार ने नए नियम अपने नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से ही बनाये हैं। सरकार अपने नागरिकों को ऑनलाइन प्रताड़ित करने, बदनाम करने और अन्य कई तरीकों से परेशान किए जाने से बचाना चाहती है।मंत्रालय ने कहा है कि अच्छी मंशा से वह फिर भी ट्विटर को समय दे रही है। अगर वह नए आईटी नियमों के अनुपालन से इनकार करती है तो उसे आईटी एक्ट 2000 के सेक्शन 79 के तहत मिला संरक्षण वापिस ले लेगी। नए आईटी नियमों के पेरा 7 में इसका स्पष्ट उल्लेख किया गया है। ऐसा होने पर उसका संवाद मध्यस्थ होने का दर्जा और भारत के अन्य कानूनों से मिला संरक्षण समाप्त हो जाएगा।

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