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पूर्व अटॉर्नी जनरल ने टिकटॉक का केस लड़ने से किया इनकार, कहा - नहीं रखेंगे चाइनीज ऐप का पक्ष

Update: 2020-07-01 12:54 GMT

नई दिल्ली। भारत सरकार ने मंगलवार को एक अहम फैसला लेते हुए 59 चाइनीज ऐप को बैन कर दिया है। इनमें टिकटॉक भी शामिल है। इस बीच भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने टिकटॉक का केस लड़ने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, 'मैं एक चाइनीज ऐप के लिए भारत सरकार के खिलाफ खड़ा नहीं होउंगा।'

इससे पहले सरकार ने मंगलवार (30 जून) को सभी इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों को प्रतिबंधित 59 चीनी मोबाइल ऐप पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश जारी कर दिए। सूत्रों ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के आपातकालीन उपबंध के तहत सरकार ने ये निर्देश जारी किए हैं। पहली सूची में 35 ऐप का नाम है और दूसरी सूची में 24 ऐप का नाम है।

केंद्र सरकार के आदेश के बाद गूगल प्ले और एप्पल स्टोर से टिकटॉक को हटा दिया गया है। टिकटॉक उन 59 चाइनीज ऐप में शामिल है, जिसे भारत में बैन कर दिया गया है। इस मामले पर टिकटॉक ने बयान जारी करते हुए कहा कि हम किसी भी देश के साथ किसी भी यूजर का डाटा शेयर नहीं करते हैं। चाहे वह चीन ही क्यों न हो।

भारत ने सोमवार को 59 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें बेहद लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउजर भी शामिल हैं। ये प्रतिबंध लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थितियों के बीच लगाए गए हैं। प्रतिबंधित सूची में वीचैट, बीगो लाइव, हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल- शाओमी, एमआई कम्युनिटी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म क्लब फैक्टरी और शीइन शामिल हैं।

आईटी मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये ऐप उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें गुपचुक तरीके से भारत के बाहर स्थित सर्वर को भेजते हैं। 

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