लोकसभा में आज दिल्ली सेवा विधेयक पर हुई चर्चा, शाह ने कहा- दिल्ली के विषय में सोचिए, गठबंधन के लिए ना करे विरोध
संसद में मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के आसार
नईदिल्ली। संसद का मानसून का आज 11वां दिन है। लोकसभा में मंगलवार को पेश हुए दिल्ली सेवा विधेयक पर आज चर्चा हुई है। अमित शाह ने कहा यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश को संदर्भित करता है जो कहता है कि संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से संबंधित किसी भी मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार है। साल 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आई जिसका मकसद सिर्फ लड़ना था, सेवा करना नहीं...समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करना नहीं, बल्कि अपने बंगले बनाने जैसे भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सतर्कता विभाग पर कब्ज़ा करना है।
उन्होंने कहा कि मेरा सभी पक्ष से निवेदन है कि चुनाव जीतने के लिए किसी पक्ष का समर्थन या विरोध करना, ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए। नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं। विधेयक और क़ानून देश की भलाई के लिए लाया जाता है इसलिए इसका विरोध और समर्थन दिल्ली की भलाई के लिए करना चाहिए। विपक्ष गठबंधन बनाने के बाद भी, नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे।
विपक्ष हमलावर -
नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन ने कहा मैं बिल का विरोध करता हूं। इस बिल के जरिए सरकार सूचना का अधिकार, कानून और निजता के अधिकार को कुचलने जा रही है। इसलिए हम इस सरकार द्वारा प्रदर्शित किए जा रहे इस तरह के इरादे का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। इस बिल को स्थायी समिति या किसी अन्य मंच पर चर्चा के लिए भेजें। अगर दिल्ली में ऐसी छेड़खानी होती रहेगी तो आप अन्य राज्यों के लिए भी ऐसे बिल लाते रहेंगे। अगर आपको लगता है कि यहां घोटाला होता है तो उसके लिए आपको यह बिल लाना जरूरी था? आपके पास ED, CBI, IT है, आप उसका इस्तेमाल क्यों नहीं करते?
लोकसभा अध्यक्ष को मनाने की कोशिश -
लोकसभा में सदस्यों के अनुचित आचरण से नाराज लोकसभा अध्यक्ष को आज विपक्षी सदस्यों द्वारा मनाने का प्रयास किया गया। विपक्षी सांसदों की ओर से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि अध्यक्ष अपने स्थान पर बैठें, वे हमारे संरक्षक हैं।
लोकसभा की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11:00 बजे प्रारंभ हुई। इस दौरान पीठासीन अधिकारी के तौर पर राजेंद्र अग्रवाल उपस्थित रहे। उनके आते ही कांग्रेस नेता चौधरी ने अनुरोध किया कि हम सभी अध्यक्ष ओम बिरला को उनके स्थान पर देखना चाहते हैं। हम सभी उनके मुरीद हैं। वह सदन में आएं और हम सब अपने विषय को सुलझा लेंगे। वह अध्यक्ष बिरला को उनके स्थान पर देखना चाहते हैं। इस पर पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि उनका संदेश ठीक प्रकार से पहुंच गया है।
लोकसभा अध्यक्ष सांसदों के आचरण से नाराज -
उल्लेखनीय है कि लोकसभा अध्यक्ष सदन में सदस्यों के आचरण को लेकर नाराज थे। इस कारण से कल वह सदन की कार्यवाही में सम्मिलित नहीं हुए। सूत्रों से जानकारी के अनुसार उनका कहना है कि जब तक सदस्य अपना आचरण ठीक नहीं करेंगे वह सदन में नहीं आएंगे
दिल्ली विधेयक पर चर्चा -
लोकसभा में आज दिल्ली में नियुक्ति एवं तबादले संबंधी विधेयक पर चर्चा के बाद उसे पारित करने के लिए लाया जाएगा। इसके चलते संसद में पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से सांसदों की उपस्थिति है। विपक्ष इस विधेयक के मुद्दे पर एकजुट होकर सरकार के खिलाफ आया है। इसी को पेश करने के बाद दौरान लोकसभा अध्यक्ष मंगलवार को सदस्यों के आचरण से नाराज हुए थे।