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उप्र में कांग्रेस मुस्लिमों के सहारे, जीतने के लिए बनाई रणनीति

Update: 2021-06-14 11:45 GMT

File Photo

नईदिल्ली। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भले अभी काफी समय हो लेकिन कांग्रेस ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है। राज्य में सालों से सत्ता से बाहर कांग्रेस अब धार्मिक और जातीय वोटबैंक के जरिए सरकार बनाने की राह तलाश रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस ने अलग-अलग धर्म और जातियों के वोटों के हिसाब से योजना तैयार की है। बताया जा रहा है की कांग्रेस मुस्लिम वोट बैंक को अपनी ओर लाने के लिए मदरसों का सहारा लेने की योजना बना रही है। इसके लिए सभी मदरसों की सूची तैयार की है।  

बसपा-सपा ने उठाया लाभ - 

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के अध्यक्ष शहनवाज आलम ने स्पीक अप माइनॉरिटी कैम्पेन में चर्चा करते हुए सपा और बसपा पर मुस्लिमों की उपेक्षा का आरोप लगाया।  उन्होंने कहा की 90 के दशक में कांग्रेस के कमजोर पड़ने पर मुस्लिम वोट बैंक सपा और बसपा की ओर खिसक गया। दोनों पार्टियों ने सिर्फ इसका राजनीतिक लाभ उठाया।  उन्होंने कहा की अब क बार फिर से मुस्लिम समुदाय को कांग्रेस के साथ जोड़ने की मुहीम शुरू की जाएगी।  

ऐसे बनाएगी पैठ - 

इसके लिए 2 लाख मदरसों की सूची तैयार की गई है।पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इन मदरसों के जरिए छात्रों के माध्यम से उनके पेरेंट्स तक पहुंचकर पार्टी के एजेंडे की लोगों को जानकारी देंगे। कोरोनाकाल में जिन मुसलमानों को दिक्कतें हुई हैं उनकी मदद करेंगे।

भाजपा-सपा गठबंधन - 

शाहनवाज ने इस कार्यक्रम के दौरान समाजवादी पार्टी पर भाजपा के साथ गुपचुप गठबंधन का आरोप लगाया उन्होंने कहा की मुलायम सिंह यादव ने अपने सजातीय वोटरों को लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट करने का इशारा देते हुए ही संसद के आखिरी दिन मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की मनोकामना जाहिर की थी।  जिससे स्पष्ट है की भाजपा और सपा के बीच आंतरिक गठबंधन है।  

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