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बिजली संयंत्रों के लिए कोयला पहुंचाने युद्धस्तर पर जुटा रेलवे, मालगाडिय़ों पर विशेष नजर

कोयला से लदी मालगाडिय़ों को डायरेक्ट निकाल रहा रेलवे प्रशासन, अधिकारी कर रहे निगरानी, संयंत्रों तक कोयला पहुंचाने का काम तेज

Update: 2021-10-13 01:15 GMT

File Photo

वेब डेस्क। देश में कोयले कमी से बिजली संयंत्रों के बंद होने के खतरे के बीच रेलवे ने युद्धस्तर पर संयंत्रों तक कोयला पहुंचाने का काम तेज कर दिया है। रेलवे बोर्ड से मिले निर्देश के बाद रेल मंडल ने झांसी और आसपास के स्टेशनों से गुजरने वाली कोयला लदी मालगाडिय़ों को रन थ्रू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। रन थ्रू का मतलब हुआ कि ट्रैक पर दौड़ रहीं अन्य मालगाडिय़ों को रोककर कोयला लदी मालगाड़ी को सबसे पहले निकाला जाए। पैसेंजर ट्रेनों पर भी कोयला लदी मालगाड़ी को तवज्जो देने को कहा गया है।

जल्द से जल्द विद्युत संयंत्रों तक कोयला पहुंचाने के लिए इन ट्रेनों की विशेष निगरानी शुरू हो गई है। सूत्रों की मानें तो मंडल अधिकारियों की ड्यूटी इन ट्रेनों की निगरानी के लिए लगा दी है। रेलवे ने सरकार के निर्देश पर झारखंड सहित देश में स्थित सभी कोयला खदानों से कोयला लेकर आने वाली ट्रेनों को सभी मंडलों से रन थ्रू करने का फैसला किया है। रेलवे के सूत्रों का कहना है कि रेल मंडल से पूर्व में प्रतिदिन आधा दर्जन ट्रेन कोयला लेकर गुजरती थीं। परंतु बीते दो-तीन दिनों में इनकी संख्या बढ़कर दो दर्जन तक पहुंच गई है। रेलवे के एक सूत्र ने बताया कि रेलवे पूरी क्षमता से कोयला लदान पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सभी जोन को निर्देश दे दिए गए हैं कि किसी भी सूरत में कोयला लदी मालगाड़ी को रोका न जाए। इसके लिए किसी ट्रेन को लेट करना पड़े तो भी चलेगा। 

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