भारत के मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में ग्लोबल हब बनने पर चीन का रोड़ा

चीन के भारत को मोबाइल के महत्वपूर्ण उपकरण आयात पर लगाए अघोषित प्रतिबंध से देश के 32 बिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य पर संकट के बादल दिखाई देने लगे हैं।

Update: 2025-07-18 17:26 GMT

दीपक उपाध्याय, नई दिल्ली। चीन के भारत को मोबाइल के महत्वपूर्ण उपकरण आयात पर लगाए अघोषित प्रतिबंध से देश के 32 बिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य पर संकट के बादल दिखाई देने लगे हैं। भारत के मोबाइल बाजार में बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए लगाए गए अघोषित प्रतिबंध की वजह से मोबाइल एसेसरीज जैसे इयरफोन का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसकी वजह से भारत से निर्यात होने वाले मोबाइल फोन पर भी असर पड़ सकता है। 

मोबाइल कंपनियों के प्रमुख संस्था इंडियन सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ने सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द कदम उठाने की बात कही है।

दरअसल, चीन से मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट का उत्पादन भारत स्थानांतरित करने को लेकर एप्पल से लेकर सैमसंग तक काफी गंभीरता से प्रयास कर रही हैं। एप्पल के फोन बनाने वाली फॉक्सकॉन ने भारत में अपनी फैक्ट्री बनाई थी, जिसमें लगातार विस्तार भी हो रहा है। इसी तरह सैमसंग, मोटोरोला, गूगल, विवो, ओप्पो और लावा जैसी कंपनियां भी भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग कर रही हैं। 

इसका बड़ा उदाहरण एप्पल है, जोकि 2020 तक अपने सभी मोबाइल चीन में ही बनवाती थी, लेकिन अब वो अपनी कुल मांग का लगभग 20 प्रत‍िशत मोबाइल भारत में तैयार करवा रही हैं। इसी तरह सैमसंग भी अपने एक्सपोर्ट के लिए भारत में बड़ी संख्या में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग करवा रही है। इसी वजह से भारत का मोबाइल निर्यात चालू साल में 24 बिलियन डॉलर हो सकता है, जोकि अगले साल तक 32 बिलियन डॉलर हो सकता है। 

सरकार ने भी अगले साल 32 बिलियन डॉलर निर्यात का लक्ष्य रखा है। इसकी वजह से चीन में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग पर असर पड़ने लगा है। दुनिया की बड़ी मोबाइल कंपनियां भारत में अपना उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही हैं, जबकि चीन में वो अपना उत्पादन समेटने पर लगी हैं। यही वजह है क‍ि प्रतिस्पर्धा में भारत को पीछे छोड़ने के लिए चीन ने अघोषित तौर पर मोबाइल उपकरण के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

आईसीईए ने केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठी में लिखा है कि चीन के ताज़ा कदमों से भारत के मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में ग्लोबल हब बनने के सपने पर असर पड़ सकता है। चीन ने पिछले साल ही मोबाइल और दूसरे उपकरणों के भारत निर्यात पर अघोषित रोक लगा दी है, इससे भारत के मोबाइल निर्यात पर असर पड़ रहा है।

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