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हाथरस केस के बहाने जातीय हिंसा की साजिश, भड़काऊ साहित्य लेकर पीएफआई के 4 कार्यकर्ता मथुरा में गिरफ्तार

Update: 2020-10-06 07:38 GMT

मथुरा। मथुरा जिले में सोमवार रात पुलिस ने चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके सहयोगी कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। हम आपको बता दें कि इन पकड़े गए लोगों के पास हाथरस गैंगरेप मामले से जुड़ा भड़काऊ साहित्य भी मिला है। इनके मोबाइल, लैपटॉप जब्त किए गए हैं। चारों आरोपी दिल्ली से आए थे और हाथरस जा रहे थे।

दरअसल, पुलिस और खुफिया एजेंसियां आरोपियों से पूछताछ में जुटी हैं। पुलिस ने हाथरस के बहाने यूपी में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश का खुलासा रविवार को ही किया था। इसमें PFI का नाम भी सामने आया था। इंटेलीजेंस एजेंसियों को जानकारी मिली कि कुछ संदिग्ध लोग दिल्ली से हाथरस की और जा रहे है। इस इनपुट पर हाथरस से लगे सभी इलाकों में अलर्ट कर दिया गया था।" और "सोमवार रात करीब 11 बजे मथुरा टोल प्लाजा पर वाहनों की चेकिंग की जा रही थी। इस दौरान एक स्विफ्ट डिजायर कार (DL 01 ZC 1203) को रोका गया। कार में 4 लोग थे। पूछताछ के दौरान इनकी हरकतें संदिग्ध लगीं। इन्हें हिरासत में लेकर तलाशी ली गई और पूछताछ की गई तो पता चला कि ये PFI और CFI से जुड़े हैं।"

गिरफ्तार आरोपियों में मुजफ्फरनगर का अतीक, बहराइच का मसूद अहमद, रामपुर का आलम और केरल के मल्लपुरम का सिद्दीक शामिल हैं। सुरक्षा एजेंसियां इस बात का पता लगा रही हैं कि हाथरस के बहाने उत्तर प्रदेश में दंगे भड़काने की साजिश में और कौन-कौन शामिल है। हाथरस की घटना के बाद रातों-रात बनाई गई वेबसाइट 'जस्टिस फॉर हाथरस' के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर सकता है। शुरुआती जांच में पता चला है कि हिंसक प्रदर्शन के लिए एक संदिग्ध संगठन से वेबसाइट को फंडिंग मिली थी। विदेशों से फंडिंग मिलने की बात भी सामने आई है।

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