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हनीफ स्क्रैप डीलर के गोदाम से 151 मोर्टार, 84 रॉकेट लांचर, 200 KG गोलियां और बम के अवशेष बरामद

5 तोप गोले के खोल भी बरामद, मोहम्मद अली और हनीफ अली हिरासत में

Update: 2021-10-12 13:18 GMT

बाक्सा (असम)/वेब डेस्क। बाक्सा जिला के भारत-भूटान सीमावर्ती क्षेत्र दरंगा मेला में सेना के फायरिंग रेज इलाके से सेना द्वारा उपयोग किये गये रॉकेट लांचर समेत अन्य गोला-बारूद के अवशेष को बरामद किया गया है। पुलिस ने इस मामले में शामिल दो लोगों को हिरासत में लिया है।

बाक्सा जिला के पुलिस अधीक्षक राजन सिंह ने मंगलवार को बताया कि विश्वसनीय सूचना के आधार पर तामुलपुर उपखंड पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) रूपज्योति कलिता व कुमारीकाटा पुलिस चौकी प्रभारी नीलज्योति नाथ के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सोमवार को दरंगा मेला क्षेत्र के सुकानजुली फायरिंग रेंज के समीप छापेमारी की। इस अभियान में सेना द्वारा उपयोग किये गये भारी मात्रा में गोला-बारूद के साथ रॉकेट लांचर के अवशेष को बरामद किया गया।


पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस अभियान में हनीफ स्क्रैप डीलर नामक प्रतिष्ठान में छिपाकर रखे गये 151 मोर्टार के अवशेष, 84 रॉकेट लांचर, पांच तोप के गोले के खोल, करीब 200 किग्रा गोलियां और बम के अवशेष बरामद किए गए। उन्होंने कहा कि मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है। इनकी पहचान मोहम्मद अली और हनीफ अली के रूप में हुई है।

भारत-भूटान सीमा पर स्थित सुकानजुली फायरिंग रेंज पूर्वोत्तर में एकमात्र फायरिंग रेंज है, जहां भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने गोला-बारूद, तोप के मोर्टार आदि विस्फोटों की जांच की। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जब सेना के जवान गोला-बारूद चलाने का अभ्यास कर रहे थे तो सुकानजुली इलाके के कुछ लोगों ने पहाड़ियों में बंकर बनाकर सेना द्वारा उपयोग किये गये गोला-बारूद को इकट्ठा करने का जोखिम उठाया। गोला-बारूद के अवशेष को एकत्र करके उसे बेचा जा रहा था।

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले सुकानजुली फायरिंग रेंज से उपयोग किये गये गोला-बारूद को उठाते समय असम राइफल्स के बम से एक 14 वर्षीय लड़के की मौत हो गई थी। पुलिस के डर से लड़के के शव को स्थानीय लोगों ने पास में ही दफना दिया था। बाद में पुलिस ने मिट्टी खोदकर लड़के के शव को बरामद किया था।

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