बेरूत धमाकों का असर, लेबनान की पूरी सरकार का इस्तीफा

प्रधान मंत्री हसन दियाब बोले, जन भावना का आदर करते हुए दे रहे हैं त्याग पत्र

Update: 2020-08-11 04:52 GMT

बेरूत पोर्ट पर विस्फोट के बाद देश भर में चल रहे थे सरकार हटाओ आंदोलन

लॉस एंजेल्स। बेरूत पोर्ट पर 4 अगस्त को अमोनिया-नाइट्रेट रसायन में हुए विस्फोट के बाद देश भर में चल रहे सरकार हटाओ के आंदोलन के दबाव में आकर लेबनान सरकार को आखिरकार सोमवार को इस्तीफ़ा देना पड़ा। इस विस्फोट में सोमवार तक 160 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि पांच हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस विस्फोट को लेकर चल रहे आन्दोलन में व्यापक सुधारों की मांग की जा रही थी।

प्रदर्शन के दौरान रविवार को बेरूत की सड़कों पर पुलिस ने बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले चलाए थे। इससे लेबनान की जनता और भड़क गई और उन्होंने उसके वीडियो बनाकर दुनिया भर में वायरल कर दिए। प्रधान मंत्री हसन दियाब ने सोमवार को प्रेस ब्रीफ़िंग में कहा कि वह जन भावना का आदर करते हुए वह पूरी सरकार के साथ त्याग पत्र दे रहे हैं। इस बेरूत विस्फोट में क़रीब 15 अरब अमेरिकी डालर की क्षति का अनुमान लगाया जा रहा है।

लेबनान एक फ़्रांसीसी उपनिवेश था। इस घटना के तुरंत बाद फ़्रांस के राष्ट्रपति एमेनुएल मैक्रों बेरूत पहुंचे थे।उन्होंने लेबनान को हर संभव मदद दिए जाने का आश्वासन दिया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि लेबनान में आमूल-चूल सामाजिक और आर्थिक उपायों की ज़रूरत है। लेबनान में बेरोज़गारी मुंह बाए खड़ी है और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। लेबनान डालर की क़ीमत रसातल में जा चुकी है और कामकाज ठप्प है। अमेरिका ने भी तीन एयरक्राफ़्ट राशन और अन्य साज सामान तथा दवाएं भेजी हैं। 

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