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दवा कंपनी फाइजर की कोरोना वैक्सीन पर उठने लगे सवाल, जानें ऐसा क्या हुआ

Update: 2020-11-13 15:10 GMT

लंदन। दवा कंपनी फाइजर की ओर से कोरोना वैक्सीन के 90 फीसदी प्रभावी पाए जाने की घोषणा के बाद टीका लगवाने वाले कई वॉलंटियर्स ने सिरदर्द, बुखार और हैंगओवर जैसे साइड इफेक्ट्स की शिकायत की है। ऐसे में वैक्सीन को लेकर कंपनी के दावे पर सवाल उठ गए हैं। फाइजर की ओर से तीसरे चरण में अच्छे नतीजों के ऐलान से कोरोना संक्रमण से जूझ रही दुनिया को बड़ी राहत मिली थी। इस बीच रूस ने भी दावा किया है कि उसकी ओर से विकसित स्पूतनिक 5 टीका 92 फीसदी कारगर पाया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 45 साल की एक वॉलंटियर ने कहा कि उसे फ्लू टीके की तरह साइड इफेक्ट्स हुए लेकिन दूसरे टीके के बाद गंभीर लक्षणों का सामना करना पड़ा। रिपोर्ट में 44 वर्षीय वॉलंटियर ग्लेन डेशील्ड्स ने कहा कि फाइजर वैक्सीन से उन्हें हैंगओवर हुआ। हालांकि, लक्षण जल्द ही चले गए। मिसूरी की एक पत्रकार भी इस ट्रायल में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि पहली बार उन्हें सितंबर में इंजेक्शन लगा और दूसरा डोज पिछले महीने दिया गया। उन्हें सिरदर्द, बुखार पूरे शरीर में दर्द की शिकायत हुई। यह पहले डोज की तुलना में अधिक था। उन्होंन डेली मेल को बताया कि दूसरी बार टीका लेने के बाद उन्हें गंभीर लक्षण हुए।

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब फाइजर ने घोषणा की है कि बायोएनटेक एसई के साथ मिलकर विकसित किया गया टीका संक्रमण से बचाव में 90 फीसदी तक प्रभावी है। हजारों वॉलंटियर्स पर अध्ययन के बाद यह सामने आया है। इसके बाद माना जा रहा है कि कंपनी इसी महीने अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के सामने आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी का आवेदन दे सकती है।

कंपनी की ओर से सोमवार को कहा गया कि शुरुआती निष्कर्षों से पता चला है कि पहली बार डोज दिए जाने के 28 दिनों बाद और दूसरे बार दो खुराक दिए जाने के 7 दिन बाद मरीज को सुरक्षा प्राप्त हुई है। फाइजर के अध्यक्ष और सीईओ अल्बर्ट बोरला ने एक बयान में कहा कि हमारे तीसरे चरण के ट्रायल के पहले सेट में कुछ ऐसे सबूत मिलने है जिससे यह पता चलता है कि यह कोरोना वायरस को रोकने में प्रभावी है।

अमेरिका, ब्रिटेन और जापान जैसे कई देश फाइजर के वैक्सीन की पहले ही बुकिंग कर चुके हैं। इस बीच अमेरिकी टीका निर्माता कंपनी फाइजर जल्द ही कोरोना वैक्सीन से जुड़ा डाटा भारत सरकार से साझा करेगी। एक अनुमान है कि फाइजर इस साल 5 करोड़ और अगले साल 1.3 खरब खुराकों का उत्पादन करेगी। हालांकि, हाल ही में एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि फाइजर के वैक्सीन को -70 डिग्री तापमान पर स्टोर करने की आवश्यकता है जो भारत और अन्य देशों के लिए चुनौतीपूर्ण है।

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