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नेपाल में पीएम ओली की पार्टी में पड़ी दरार, प्रचंड हिलाने लगे कुर्सी

Update: 2020-06-25 09:18 GMT

काठमांडू। भारत के साथ सीमा विवाद और नागरिकता को लेकर कड़े तेवर अपना रहे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी अब टूट के कगार पर पहुंच गई है। नेपाल की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यकारी चेयरमैन पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने पीएम ओली की आलोचना के बाद उनसे अब इस्तीफे की मांग की है। प्रचंड ने ओली को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर पीएम ने इस्तीफा नहीं दिया तो वह पार्टी को तोड़ देंगे।

हम आपको बता दें कि दो महीने तक बचते रहने के बाद प्रधानमंत्री केपी ओली बैठक में शामिल हुए तो प्रचंड और माधव कुमार नेपाल पर जमकर निशाना साधा तो प्रचंड ने भी कोई कसर बाकी नहीं रखी। प्रचंड ने ओली को त्याग के लिए तैयार रहने को कह दिया है।

जानकारी के अनुसार पीएम केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। प्रचंड को पार्टी के भीतर खूब समर्थन भी मिल रहा है। पार्टी के दो पूर्व पीएम और कई सांसदों ने ओली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं नेपाल की जनता में कोरोना वायरस की त्रासदी को लेकर ओली सरकार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा देखा जा रहा है।

एनसीपी स्टैंडिंग कमिटी मेंबर मणि थापा के मुताबिक, ओली ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में सफल रही है। हालांकि, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 हजार से अधिक हो चुकी है और बुधवार को भी 600 से अधिक केस मिले हैं। ओली ने यह भी कहा कि मार्च के अंत में लागू लॉकडाउन के बावजूद कारोबार को बढ़ावा देने में सरकार सफल रही है।

ओली ने यह भी कहा कि राष्ट्रवादी मुद्दों को उठाने की वजह से कुछ विदेशी ताकतें सरकार से नाराज हैं। केपी ओली ने कहा कि यदि उनकी सरकार ने शासन चलाने में कुछ गलतियां की हैं तो वह जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। उन्होंने पार्टी नेताओं से एकता के साथ काम करने और जनता के बीच सरकार के कामकाज का बचाव करने को कहा।

हालांकि, जब दहल को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने भी ओली को जमकर सुनाया। उन्होंने पीएम पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार की ओर से हुए अच्छे काम के लिए दूसरे नेताओं के योगदान को नजरअंदाज करके सारा श्रेय एक नेता को नहीं लेना चाहिए।

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि दहल ने ओली पर आरोप लगाया कि वह पार्टी को अपनी मर्जी के मुताबिक चला रहे हैं जबकि उन्होंने पार्टी कामकाज में उन्हें (दहल) को अधिक अधिकार दिए जाने की बात स्वीकार की थी। पार्टी के एक नेता के मुताबिक प्रचंड ने ओली से कहा, ''या तो हमें रास्ते अलग करने होंगे या हमें सुधार करने की जरूरत है। चूंकि अलग होना संभव नहीं है, इसलिए हमें अपने तरीके में बदलाव करना होगा, जिसके लिए हमें 'त्याग' करने के लिए तैयार रहना चाहिए।''

'त्याग' को लेकर पार्टी नेताओं का मानना है कि दहल ओली से पार्टी अध्यक्ष या प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे की मांग करने जा रहे हैं। दहल ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं झाला नाथ खनल, बामदेव गौतम और नारायण काजी श्रेष्ठा की मदद से अप्रैल में भी दहल से इस्तीफा लेने की कोशिश कर चुके हैं। बहरहाल यह तो तय है कि नेपाल की सत्ताधारी पार्टी में आने वाले दिनों में उठापठक तेज होने वाली है।

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