आरएसएस की तीन दिवसीय वार्षिक बैठक संपन्न: धर्मांतरण और जनसांख्यिकीय असंतुलन पर हुई चर्चा…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक का रविवार को समापन हो चुका है। प्रांत प्रचारकों की ये बैठक संघ शताब्दी वर्ष की योजना के साथ-साथ, देश की सुरक्षा और मणिपुर के हालात पर भी चर्चा की हुई। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने बताया कि बैठक में मणिपुर में हालात पहले काफी बेहतर हुए हैं, हालांकि इसे पूरी तरह से स्थिति सामान्य होने में अभी कुछ समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि संघ के स्वयं सेवाओं के प्रयास से मताई और कुकी समुदाय के साथ लगातार संपर्क बना कर सद्भाव स्थापित करने की कोशिश।
उन्होंने कहा संघ का मानना है कि देश आर्थिक, औद्योगिक, तकनीकी हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास हासिल कर रहा है लेकिन देश का संपूर्ण समावेश विकास तभी सांभा है जब भारत की परंपरा , संस्कृति का विकास भी इतनी ही तेजी से हो। संघ के उस बैठक में पारिवारिक मूल्यों की रक्षा पर भी चर्चा हुई। साथ संघ सामाजिक समरसता पर शताब्दी वर्ष में काम करेगा । सुनील अंबेकर ने कहा कि हालांकि, इस विकास को हर दृष्टि से सर्व समावेशी बनाने के लिए संघ काम करेगा।
आरएसएस प्रचार प्रमुख सुनील अम्बेकर ने बताया कि संघ शताब्दी साल में हर मंडल और हर बस्ती में 1 लाख 319 जगहों पर हिंदू सम्मेलन का आयोजन किए जाएंगे। लगभग 11360 से अधिक सामाजिक सद्भाव बैठकों का आयोजन किया जाएगा । उल्लेखनीय है कि 2 अक्तूबर 2025 को विजयादशमी से संघ शताब्दी वर्ष शुरू होगा। संघ शताब्दी वर्ष के सभी कार्यक्रम में ड्रेस कोड में स्वयंसेवक पहुंचेंगे और लोगों से संपर्क स्थापित करेंगे।
सुनील अम्बेकर ने बताया कि आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक में तीन मुख्य बिंदुओं और कार्यों पर चर्चा हुई
1. संघ के कार्य विस्तार
2 शताब्दी वर्ष
3. संघ के प्रांत और मंडल स्तर तक के कार्यों की समीक्षा । बैठक में सीमावर्ती प्रांतों के कार्यकर्ताओं की चुनौतियों और स्थिति और सद्भाव की लेकर भी चर्चा हुई।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने कहा कि समाज को सुदृढ करने के लिए घर-घर संपर्क करने की संघ की योजना है। जिसमें संघ के सभी संगठनात्मक 924 जिलों में राष्ट्र और हिंदुत्व के महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा होगी। संघ ने हर समाज और हर वर्ग के लोगों तक पहुंचने की योजना बनाई है। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य हिन्दू समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने की कोशिश है।
संघ ने अपनी इस बैठक में माना है कि देश हर दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसमें देश-विदेश, शिक्षा, व्यापार और आर्थिक क्षेत्र शामिल है। लेकिन इसके साथ साथ संघ पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों को मजबूत बनाने के लिए काम करेगा। इसका उद्देश्य समाज को हर क्षेत्र में भागीदार बनाने और समाज को सर्व समावेशी बनाना है। पंच परिवर्तन के द्वारा देश-समाज को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की भी योजना है।
शताब्दी वर्ष में समाज के सभी लोगों तक जाना और उनका समावेश करना और सर्व स्पर्शी योजना के अंतर्गत कार्य होगा। प्रमुख नागरिक कार्यक्रम के अंतर्गत संघ के स्वयं सेवक और समाज के विशिष्ठ लोग सभी जिलों में और अलग अलग संस्थानों में हिंदू एकजुटता और समाज के विशिष्ट लोगों के साथ कार्यक्रम और चर्चा करेंगे।
बैठक में पाँच परिवर्तन को लेकर चर्चा हुई जिसमें आर्थिक, सामाजिक, तकनीकी, आधुनिक दृष्टि से आगे बढ़ रहा। संघ का मानना है कि हमारे राष्ट्र की विशेषता और परंपराओं को भी आगे बढ़ाने से ही देश आगे बढ़ेगा। हर परिवार के जीवन मूल्यों की रक्षा होना जरूरी, सामाजिक सद्भाव बना रहे और आगे बढ़े। सर्फ आर्थिक प्रगति नहीं बल्कि सभी दिशाओं में समावेशी प्रगति होनी चाहिए।
सुनील अम्बेकर मतांतरण की लेकर कहा कि धर्मांतरण पर संघ ने अपने विचार पहले भी व्यक्त किया है। योजना बद्ध तरीके से साजिश के तहत प्रलोभन देकर मतांतरण को संघ ग़लत मानता है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने RSS पर प्रतिबंध लगाने की कांग्रेस के बयान पर कहा कि संघ पर प्रतिबंध लगाने की पहले भी कोशिश होती रही थी संघ पर हमले और प्रतिबंध लगाने पर ,मामला अदालत तक में भी गया था मगर वो गैर कानूनी ही माना गया, तो संघ पर प्रतिबंध लगने की मांग को समय समय पर कुछ राजनीतिक पार्टियों ने उठाई मगर वो सफल नहीं हो पाए।ये बात श्री आंबेकर ने एक प्रेस वार्ता में ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवादाता अनामिका रत्ना के एक सवाल के जवाब में कहा।
RSS की 4, 5 और 6 जुलाई 2025 को दिल्ली में आयोजित प्रांत प्रचारक बैठक के बाद संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे जिनमें कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी उन्होंने जानकारी दी। यह बैठक 'केशवकुंज' संघ कार्यालय में हुई, जिसमें देशभर से 233 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि अप्रैल से जून के बीच आयोजित प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न हुए हैं। 40 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग में 17609 लोगों ने प्रशिक्षण हासिल किया। 8812 स्थानों से आये शिक्षार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। 40 से 60 वर्ष की आयु के 4270 लोगों ने संघ शिक्षा वर्ग में हिस्सा लिया है। इसमें पढ़े-लिखे वर्ग और किसान-श्रमिक तक सभी शामिल हुए।
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रान्त प्रचारक बैठक 4-6 जुलाई को दिल्ली के झंडेवालान स्थित संगठन के कार्यालय केशवकुंज में हुई। इस बैठक में आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत, दत्तात्रेय होसबोले, अरुण कुमार, संगठन के 46 प्रान्तों के प्रमुख और सहप्रमुख सहित अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी सम्मिलित हुए।