भारतीय नौसेना समुद्र की तरह शांत है लेकिन सुनामी लाने की क्षमता भी रखती है: INS विक्रांत से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पाकिस्तान को ललकार

Update: 2025-05-30 07:24 GMT

INS विक्रांत से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पाकिस्तान को ललकार

गोवा। भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस विक्रांत पर सवार होकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "पाकिस्तान को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि अगर एक तरफ हमारी नौसेना समुद्र की तरह शांत है, तो दूसरी तरफ वह समुद्र की तरह सुनामी लाने की क्षमता भी रखती है।" उन्होंने एक बार फिर पाकिस्तान को चेतावनी दी कि, उसे अपनी जमीन से आतंकियों को उखाड़ फेंकना चाहिए। राजनाथ सिंह ने हाफिज सईद और मसूद अजहर को भारत को सौंपने की भी बात कही।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "पाकिस्तान के हित में यही होगा कि, वह अपनी धरती पर चल रहे आतंकवाद की नर्सरी को अपने हाथों से उखाड़ फेंके। उसे हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को भारत को सौंपने से शुरुआत करनी चाहिए। ये दोनों न केवल भारत में 'मोस्ट वांटेड आतंकवादियों' की सूची में हैं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र की नामित आतंकवादियों की सूची में भी हैं...मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को हाल ही में भारत लाया गया है। अगर पाकिस्तान बातचीत को लेकर गंभीर है, तो उसे हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को भारत को सौंप देना चाहिए, ताकि न्याय हो सके।"

चार हिस्सों में बंट जाता पाकिस्तान :

"पाकिस्तान जानता है कि जब भारतीय नौसेना पूरी ताकत से आगे बढ़ती है, तो क्या होता है। 1971 इसका गवाह है, जब भारतीय नौसेना हरकत में आई, तो पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया था। ऑपरेशन सिंदूर में अगर पाकिस्तान को भारतीय नौसेना की ताकत का परिचय मिलता, तो पाकिस्तान न केवल दो हिस्सों में बंट जाता, बल्कि मुझे लगता है कि वह चार हिस्सों में बंट जाता। जिस तरह से आप हमारी समुद्री सीमाओं की रक्षा करते हैं, जिस तीव्रता से आप हिंद महासागर में हर हरकत पर नज़र रखते हैं, अगर आपकी वह क्षमता इस मिशन का हिस्सा होती, तो पाकिस्तान का क्या होता, यह बताने की ज़रूरत नहीं है। एक तरह से पाकिस्तान बहुत भाग्यशाली है कि हमारी नौसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी वीरता नहीं दिखाई।"

संभलने का भी मौका नहीं मिलेगा :

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। यह सिर्फ़ एक विराम है, एक चेतावनी है। अगर पाकिस्तान ने फिर से वही गलती की, तो भारत की प्रतिक्रिया और भी कठोर होगी, और इस बार उसे संभलने का भी मौका नहीं मिलेगा।"

Tags:    

Similar News