बिहार की तरह 12 राज्यों में SIR: देशभर में वोटर लिस्ट की विशेष इंटेंसिव रिवीजन

चुनाव आयोग ने SIR के दूसरे चरण की घोषणा की। 12 राज्यों में वोटर लिस्ट आज रात फ्रीज होगी। BLO तीन बार वोटर सत्यापन करेंगे।

Update: 2025-10-27 11:40 GMT

EC ने SIR के दूसरे चरण की घोषणा की, 12 राज्यों में वोटर लिस्ट फ्रीज

नई दिल्ली | मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि देशभर में मतदाता सूची (voter list) के विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का दूसरा चरण 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन राज्यों की वोटर लिस्ट आज रात 12 बजे से फ्रीज हो जाएगी। यह देशभर में पिछले 21 साल बाद हो रही सबसे बड़ी मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया है। पिछली बार ऐसी व्यापक रिवीजन 2002–2004 के बीच हुई थी।

क्या है SIR (Special Intensive Revision)?

यह निर्वाचन आयोग की वह प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूची की गहन जांच की जाती है। इस दौरान डुप्लीकेट नाम, मृत मतदाता और अयोग्य या विदेशी नागरिकों के नाम हटाए जाते हैं। साथ ही ऐसे पात्र नागरिकों को जो अब तक वोटर लिस्ट में शामिल नहीं हैं, उन्हें भी जोड़ा जाता है। CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा हमारा लक्ष्य है कि कोई पात्र मतदाता सूची से छूटे नहीं और कोई अपात्र व्यक्ति उसमें शामिल न हो। 

दूसरे चरण में कौन-कौन से राज्य शामिल?

हालांकि आयोग ने औपचारिक सूची साझा नहीं की, लेकिन सूत्रों के मुताबिक दूसरे चरण में जिन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया गया है, उनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी, गोवा और दिल्ली शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और लद्दाख जैसे हिमाच्छादित क्षेत्र फिलहाल इस चरण में शामिल नहीं होंगे।

BLO तीन बार घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे

चुनाव आयोग ने बताया कि Booth Level Officers (BLO) को कल से प्रशिक्षण दिया जाएगा। हर ब्लो प्रत्येक घर तीन बार जाएगा, मतदाता की जानकारी सत्यापित करेगा और उन्हें Unique Enumeration Form उपलब्ध कराएगा, जिसमें वर्तमान वोटर लिस्ट के विवरण होंगे। इस दौरान मतदाता यह भी जांच सकेंगे कि उनका नाम या उनके माता-पिता का नाम 2003 की वोटर लिस्ट में था या नहीं। जिनके नाम पुराने रिकॉर्ड से मिलेंगे, उन्हें किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी।

2003 की वोटर लिस्ट से होगी क्रॉस-वेरिफिकेशन

CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग ने 2003 की ऐतिहासिक वोटर लिस्ट को ऑनलाइन उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा वोटर अब http://voters.eci.gov.in पर जाकर 2002–2004 की SIR सूची से अपने नाम की जांच कर सकते हैं। 

पहले चरण में बिहार में हुआ सफल परीक्षण

ज्ञानेश कुमार ने बताया कि पहला चरण बिहार में पूरा हो चुका है और वहां एक भी अपील दर्ज नहीं हुई। बिहार मॉडल को देखते हुए अब यह प्रक्रिया अन्य राज्यों में लागू की जा रही है। बिहार में SIR की शुरुआत 24 जून 2025 को हुई थी, जिसके बाद 70% से अधिक वोटरों की डिजिटल मैपिंग और सत्यापन पूरा कर लिया गया है। 

कब शुरू होगा नामांकन और अंतिम सूची

आयोग के अधिकारियों के अनुसार, नामांकन और सत्यापन प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरू होगी। सभी राज्यों से फीडबैक और आपत्तियाँ प्राप्त करने के बाद अंतिम वोटर लिस्ट जनवरी के अंत या फरवरी 2026 की शुरुआत में प्रकाशित की जाएगी। 

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