बढ़ता जा रहा दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल की जांच का दायरा
दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल की जांच का दायरा अब बढ़ता जा रहा है। जांच एजेंसियां दोनों वारदातों के कनेक्शन को तलाशने में जुट गई हैं। वहीं, डॉ. शाहीन शहीद की गिरफ्तारी के बाद अब उसके भाई डॉ. परवेज अहमद अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। यूपी एटीएस ने डॉ. परवेज अंसारी के आईआईएम स्थित घर पर छापेमारी करने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया।
परवेज को लेकर चौकाने वाले खुलासे
उधर, डॉ. परवेज अंसारी को लेकर लगातार चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। उनकी सैलरी की बात करें तो डॉ. परवेज अहमद अंसारी की सैलरी 1 लाख 70 हजार रुपये थी। चार साल की नौकरी में उनकी सैलरी में 50 हजार रुपये की वृद्धि हुई थी।डॉ. परवेज अहमद अंसारी लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात था। वे एमबीबीएस स्टूडेंट्स को पढ़ाते थे और मेडिसिन विभाग के सीनियर डॉक्टरों के तहत मरीजों का इलाज भी करते थे।
सैलरी 1,70,000 रुपये थी
डॉ. परवेज ने 2021 में सीनियर रेजिडेंट के पद पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ज्वॉइन किया था। उस समय उनकी सैलरी 1 लाख 20 हजार रुपये थी, जो बाद में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर प्रमोशन होने के बाद 1 लाख 70 हजार रुपये हो गई। वर्तमान में उनकी सैलरी 1,70,000 रुपये थी।
रजिस्ट्रार मोहम्मद हारिस सिद्दीकी ने बताया कि हमारी यूनिवर्सिटी में डॉ. परवेज के नाम से कई डॉक्टर हैं, इसलिए उनकी पहचान करने में करीब चार घंटे लग गए थे। उन्होंने बताया कि डॉ. परवेज मेडिसिन विभाग के डॉक्टर थे और बहुत शांत स्वभाव के थे।मो. हारिस के मुताबिक, डॉ. परवेज 6 नवंबर को ड्यूटी पर आया था, लेकिन 7 नवंबर से ऑफिस नहीं आए। 7 नवंबर को ही उन्होंने ईमेल के जरिए रिजाइन भेजा था। डॉ. परवेज अंसारी ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में चार साल तीन महीने तक काम किया।
डॉ. परवेज ने लखनऊ की एरा मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी। इसके अलावा उन्होंने आगरा और सहारनपुर में भी नौकरी की। आगरा की नौकरी छोड़कर उन्होंने लखनऊ इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ज्वॉइन किया। जांच में सामने आया कि परवेज ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में नौकरी के दौरान शाहीन और तमीम कासिम नदवी की (लोकल) आईडी बनाई थी।
जम्मू-कश्मीर के स्टूडेंट्स की जांच
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, गुडंबा थाना क्षेत्र में स्थित, में लगभग 20 हजार स्टूडेंट्स हैं। इनमें 65 स्टूडेंट्स जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। इन स्टूडेंट्स की डिटेल LIU को सौंप दी गई है। यूनिवर्सिटी में 4 हजार स्टाफ हैं, जिसमें से करीब 800 टीचिंग स्टाफ हैं। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में 60% मुस्लिम और 40% हिंदू स्टूडेंट्स पढ़ते हैं, जबकि डॉक्टरों में यह अनुपात 50-50% है। यूनिवर्सिटी में करीब 40 देशों के स्टूडेंट्स भी पढ़ते हैं।