जनगणना 2027: देश की सबसे बड़ी गिनती होगी डिजिटल, 11,718 करोड़ रु का बजट मंजूरी
देश में 2027 में पहली बार जनगणना डिजिटल माध्यम से होगी। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में इसके लिए 11,718.24 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इसके अनुसार, एक व्यक्ति की जनगणना पर सरकार करीब 97 रुपये खर्च करेगी।
इसके साथ ही कोलसेटू नीति और खोपरा एमएसपी 2025 को लेकर भी अहम फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को जनगणना 2027 की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह विश्व का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभ्यास होगा। जनगणना 2027 अब तक की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना होगी। जनगणना केंद्र सरकार का विषय है।
कैबिनेट ने तीन महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जनगणना की संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 को रात 12:00 बजे होगी। बर्फ से ढके क्षेत्रों के लिए यह तिथि 1 अक्टूबर 2026 को रात 12:00 बजे तय की गई है। वैष्णव ने कहा कि दो चरणों में होने वाली इस जनगणना के पहले चरण में मकान सूचीकरण और आवास जनगणना (एचएलओ) की जाएगी, जिसे अप्रैल से सितंबर 2026 तक पूरा किया जाएगा।दूसरे चरण में जनसंख्या की गणना (पीई) की जाएगी। यह मैदानी क्षेत्रों में फरवरी 2027 से शुरू होगी, जबकि बर्फ से ढके क्षेत्रों में सितंबर 2026 से ही प्रारंभ हो जाएगी।
जनगणना 2027 की प्रमुख बातें
जनगणना जिस ऐप के माध्यम से की जाएगी, उसमें प्री-कोडेड ड्रॉपडाउन मेन्यू और उत्तर विकल्प उपलब्ध होंगे। जानकारी उसी में दर्ज की जाएगी। ऐप में दर्ज डेटा सीधे बैक-एंड सिस्टम में जाएगा, जिससे बाद में मैनुअल कंपाइलेशन की आवश्यकता नहीं होगी। ऐप में इंटेलिजेंट कैरेक्टर रिकग्निशन तकनीक होगी, जो हाथ से लिखे या अधूरे वाक्यों को भी पढ़ सकेगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि देश में जनगणना अधिनियम 1948 और जनगणना नियम 1990 के तहत यह प्रक्रिया की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। नियमानुसार हर दस साल में होने वाली जनगणना कोविड महामारी के कारण 2021 में आयोजित नहीं हो सकी थी, लेकिन अब कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है।
इससे पहले 16 जून 2025 को जनगणना 2027 की राजपत्र अधिसूचना जारी की गई थी। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जनगणना 2027 की अनुमानित लागत 11,718 करोड़ रुपये होगी और यह दो चरणों में पूरी की जाएगी।
जनगणना 2027 के साथ-साथ कैबिनेट ने शुक्रवार को तीन महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी। कैबिनेट ने जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृति दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोयला लिंकेज नीति में सुधार के लिए कोलसेटू नीति को भी मंजूरी दी है। इसके अलावा सरकार ने खोपरा 2025 सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को भी नीतिगत स्वीकृति दे दी है।
इससे पहले कैबिनेट बैठक को लेकर कई बड़े कयास लगाए जा रहे थे। सूत्रों के अनुसार, मनरेगा का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ किए जाने पर भी विचार होना था। ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम की पहचान और प्रभाव को नया रूप देने के उद्देश्य से यह बदलाव प्रस्तावित किया गया है।