CG News: पाकिस्तान से आए हिंदुओं नही जाना पड़ेगा वापस, CAA के तहत ले सकेंगे भारतीय नागरिकता
Home Minister Vijay Sharma on Pakistani Hindu Minorities : रायपुर। छत्तीसगढ़ में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू अल्पसंख्यकों को बड़ी राहत मिली है। अब उन्हें वापस पकिस्तान नहीं जाना पड़ेगा। राज्य में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू अल्पसंख्यकों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत भारत की नागरिकता दी जा सकेगी। यह बात छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बुधवार को रायपुर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही है। बता दें कि, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने देश में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों (अलग-अलग वीजा रखने वालों) को देश छोड़ने का निर्देश दिया था।
सरकार इस मुद्दे को मानवीय दृष्टिकोण से देख रही
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि जो पाकिस्तानी अल्पसंख्यक छत्तीसगढ़ में रह रहे हैं, उन्हें फिलहाल राज्य में रहने की अनुमति दी गई है और वे केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के अंतर्गत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। सरकार इस मुद्दे को संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण से देख रही है। हम इस प्रक्रिया में उनकी हर संभव मदद करेंगे।
बता दें कि, बीते शुक्रवार को पाकिस्तानी हिंदुओं के एक समूह ने छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई थी। इन पीड़ितों में सिंध के घोटकी ज़िले के खानपुर निवासी सुखदेव लुंद भी शामिल थे। उन्होंने बताया, हम लौटकर पाकिस्तान नहीं जाएंगे। सुखदेव ने बताया कि, हम 45 दिन के विज़िटर वीज़ा पर रायपुर के शदाणी दरबार पहुँचे हैं। मेरे साथ परिवार सहित कुल 24 लोगों का समूह भी है।
पाकिस्तानी नागरिकों को डिपोर्ट करने की कार्रवाई
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में रह रहे कुछ पाकिस्तानी नागरिकों को डिपोर्ट करने की कार्रवाई शुरू हुई है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में रह रहे पाकिस्तानी हिंदुओं को लेकर स्थिति को स्पष्ट करना आवश्यक हो गया था। गृहमंत्री विजय शर्मा के इस बयान से राज्य के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को बड़ी राहत मिली है, जो वर्षों से भारत में स्थायी रूप से बसने की उम्मीद लगाए हुए हैं।
क्या है CAA?
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है, बशर्ते वे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए हों और उन्हें वहां धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो।
छत्तीसगढ़ में रह रहे ऐसे कई परिवार वर्षों से नागरिकता न मिलने की वजह से नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकारी योजनाओं से वंचित रहे हैं। CAA के तहत उन्हें कानूनी मान्यता मिलने से उनके जीवन में स्थिरता और अधिकारों की प्राप्ति संभव हो सकेगी।