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जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद 2105 कश्मीरी पंडितों की हुई वापसी

केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद ने राजयसभा में दी जानकारी

Update: 2022-04-06 13:13 GMT

नईदिल्ली। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के हटाये जाने के बाद से इस केंद्र शासित राज्य में 2105 कश्मीरी पंडित घाटी में लौट आये हैं।केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में विशम्मभर प्रसाद निषाद, छाया वर्मा, सुखराम सिंह यादव और रामनाथ ठाकुर के पूछे गए सवाल के लिखित में जवाब दिया। 

उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 370 निरस्त किये जाने के बाद प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत प्रदान की गई नौकरियां लेने के लिए लगभग 2105 प्रवासी कश्मीर घाटी में वापस लौट आये हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 में 841 और वर्ष 2021-22 में 1264 लोगों की नियुक्तियां की गईं। 05 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटने के बाद से 24 मार्च 2022 तक जम्मू कश्मीर में कुल 14 हिन्दुओं की हत्या हुई है। इसमें कश्मीरी पंडित समेत अन्य हिन्दू समुदाय के लोग शामिल हैं।

गृह राज्य मंत्री राय ने कहा कि वर्ष 2017 में 11, वर्ष 2018 में 03, वर्ष 2019 में 06, वर्ष 2020 में 03 और वर्ष 2021 में 11 अल्पसंख्यकों ने आतंकवादी घटनाओं में अपनी जान गवांई। 

संसद को उन्होंने बताया कि भारतीय क्षेत्र में आतंकवादी, सांप्रदायिक, वामपंथी उग्रवादी हिंसा और सीमा पार से गोलीबारी तथा आईईडी विस्फोट से आम नागरिक पीड़ितों के परिवारों को सहायता की केंद्रीय स्कीम की योजना के तहत 5 लाख रुपये प्रदान किये जाते हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर सरकार की मौजूदा स्कीम के तहत आतंकवादी हिंसा में मारे गये आम नागरिकों के निकटतम संबंधियों को एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाता है।केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने आगे बताया कि सरकार ने घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किये हैं।

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