SwadeshSwadesh

सरकारी लचर सिस्टम पर तीखा व्यंग्य है 'कागज'

विवेक पाठक

Update: 2021-01-04 09:20 GMT

हमारे देश में हजारों लोगों को सरकारी दस्तावेजों में जिंन्दा रहने का सबूत देना पड़ता है। पेंशनर ये काम हर साल करते हैं तो अन्य शासकीय मदद पाने के लिए भी ये जरुरी है। इस जिंदा रहने वाले कागज का मिलना उन लोगों के लिए मुसीबत हो जाता है जो कई बार गलती से सरकारी दस्तावेजों में मृतक के रुप में दर्ज हो जाते हैं। इनका खुद को जीवित दिखाना बहुत जद्दोजहत भरा हो जाता है कई बार तो लगभग मुश्किल सा। बस सिने कलाकार पंकज त्रिपाठी की आगामी फिल्म कागज इन्हीं मुश्किलों को हंसते हंसाते देश के सामने प्रस्तुत करने वाले हैं।

निश्चित ही हिन्दी फिल्मों में अपने सशक्त अभिनय से जिस कलाकारों ने पहचान बनाई है उनमें पंकज त्रिपाठी भी प्रमुखता से जाने जाते हैं। वे मनोज वाजपेयी, इरफान खान जैसे कलाकारों की धारा को आगे बढ़ाने वाले कलाकार हैं। उनकी संवाद अदायगी शानदार है। बात रखने का तरीका एकदम जुदा है। उनका तरीका उन्हें भीड़ में एकदम अलग करता है। पिछली काफी फिल्मों से वे बार बार हर बार नया करते नजर आ रहे हैं। पंकज बिहार के परंपरागत परिवार से हैं। पिता किसान थे। वे गांव के नाटक में अपने अभिनय से ग्रामीणों का दिल जीत लेते थे मगर तब खुद उन्हें भी नहीं पता था कि इतना आगे जाएंगे लेकिन प्रतिभा को मंच मिले तो वो चमकती ही है। पंकज गांव से बिहार आए और पहले राजनीति फिर होटल मैनेजमेंट आदि क्षेत्रों में काम करने के बाद थियेटर की ओर मुड़े। उन्होंने सबसे पहले अभिषेक बच्चन और भूमिका चावला की रन फिल्म में छोटा सा रोल किया। रन के बाद वे अजय देवगन की अपहरण में भी आए मगर रोल छोटा इसलिए कब आए कब चले गए दर्शक ध्यान ही न दे सके। आगे उन्होंने ओंकारा, शौर्य जैसी फिल्मों से खुद को निखारा एवं आगे गैंग ऑफ वॉसेपुर में गजब के अंदाज में दिखे। नवाजुद्दीन सिद्दकी की इस फिल्म में पंकज को भी खूब पसंद किया गया। ये फिल्म उन्हें अलग स्टायल दे गयी। आगे तो फिर ये सिलसिला चल निकला।

हर नयी फिल्म के बाद पंकज त्रिपाठी चमकदार साबित होते गए। अपने ग्वालियर में ही लुकाछिपी की जब शूटिंग हुई थी तो उनके अभिनय को काफी पसंद किया गया। पंकज ने इस फिल्म में खूब हंसाया। फुकरे में भी वे खूब मनोरंजन करते दिखे। कॉलेज के जुगाड़ू पंडित का किरदार उनके उपर खूब फबा। भोली पंजाबन बनी रिचा चढ्ढा के साथ उनके संवाद यादगार रहे। यह फिल्म खूब चली और आगे फुकरे रिटर्न को भी खूब पसंद किया गया।

पंकज त्रिपाठी की इस अभिनय यात्रा की यह खासियत रही है कि इतने दिनों में उन्होंने अपना अलग स्टायल बनाया है। वे हर नयी फिल्म में बेहतर कर रहे हैं। उनकी सेक्रेड गेम्स, मिर्जापुर जैसी वेबसीरीज खूब पसंद की जा रही हैं।

पंकज इन दिनों फिर चर्चा में हैं। वे पीपली लाइफ की तरह व्यंग्य फिल्म में नजर आने वाले हैं। फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है और जिंदा को जिंदा साबित करने के लिए होने वाले परेशानियों पर प्रहार करते नजर आती है। तो तब तक इंतजार कीजिए पंकज की कागज का। जो आजकल अपने ट्रेलर के जरिए टीवी पर काफी धूम मचाए हुए है। एक बार फिर बधाई पंकज जी।

Tags:    

Similar News