SwadeshSwadesh

मशहूर गीतकार योगेश गौड़ का 77 की उम्र में निधन

Update: 2020-05-30 14:28 GMT

मुंबई। फिल्म जगत के मशहूर गीतकार योगेश गौड़ का 29 मई,2020 को निधन हो गया। वे 77 वर्ष के थे। कवि योगेश ने मुंबई के गोरेगांव स्थित अपने घर पर अंतिम सांस लीं। उनके निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर है। 60 और 70 के दशक में कई मशहूर गीत लिखने वाले योगेश गौड़ को सभी प्यार से योगेश कह कर बुलाते थे।उस जमाने में उन्होंने अपने लिखे गीतों के माध्यम से बॉलीवुड फिल्मों में चार चांद लगा दिया था। उन्होंने फिल्म जगत में कई यादगार और सदाबहार गीत लिखे हैं, जो आज भी दर्शकों के बीच अक्सर सुने जाते हैं। 19 मार्च 1943 को लखनऊ में जन्मे योगेश ने गीतकार के रूप में साल 1962 में आई फिल्म 'सखी रोबिन' से बॉलीवुड में कदम रखा।इस फिल्म में उन्होंने छह गीत लिखे थे।

इसके बाद योगेश ने आनंद(1971), रजनीगंधा (1974),मंजिलें और भी हैं (1974),मिली (1975 ),प्रियतमा (1977 ), बेवफा सनम (1995 ) आदि आदि फिल्मों के लिए शानदार और लाजवाब गीत लिखे। उनके लिखे मशहूर गीतों में 'जिंदगी कैसी है पहेली (आनंद)', ''कहीं दूर जब दिन ढल जाए (आनंद)', ना जाने क्यूँ होता है ये (रजनीगंधा),रिमझिम गिरे सावन(मंजिल), 'ना बोले तुम ना मैंने कुछ कहा(बातों बातों में) ओ दिल तोड़ के हंसती हो मेरा(बेवफा सनम), अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का (बेवफा सनम) आदि शामिल हैं।

योगेश ने फिल्म में गीतों के अलावा कई टेलीविजन धारावाहिकों की कहानियां भी लिखी है। योगेश गौड़ का निधन फिल्म जगत की वह अपूरणीय क्षति हैं, जिसे कभी भरा नहीं जा सकता। योगेश बेशक दुनिया को अलविदा कह गए हैं ,लेकिन वह अपने गीतों के माध्यम से हमेशा अपने चाहने वालों के दिलों में जीवित रहेगें। 

Tags:    

Similar News