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आयकर विभाग ने टेक्सटाइल कंपनी पर छापा मारा, 350 करोड़ की बेनामी संपत्ति का खुलासा

Update: 2021-09-21 13:25 GMT

मुंबई। आयकर विभाग ने 350 करोड़ रुपये की हेराफेरी मामले में एक जाने-माने व्यापारिक समूह के ठिकानों पर छापा मारा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी ने मंगलवार को दावा किया कि आयकर विभाग ने टेक्सटाइल और फिलामेंट यार्न के निर्माण में शामिल एक प्रमुख व्यापारिक समूह पर छापेमारी के बाद विदेशों में जमा करोड़ों रुपये के ब्लैकमीन (काले धन) का पता लगाया है। आयकर विभाग की छापेमारी की कार्रवाई अभी जारी है।

आयकर विभाग ने जारी एक बयान में बताया कि उसने 18 सितंबर को दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल में कंपनी के ठिकानों पर छापा मारा। इस ग्रुप ने करीब 350 करोड़ रुपये का बेनामी फंड अपने विदेशी खातों में जमा कराया और फिर टैक्स हेवंस देशों से शेल कंपनियों के जरिए इन्हें भारत में अपने कारोबार में लगाया। विभाग ने कहा कि व्यापारिक समूह का दिल्ली, पंजाब और कोलकाता में इसके कॉरपोरेट ऑफिस है। 

संदिग्ध दस्तावेज और साक्ष्य मिले - 

विभाग ने बताया कि व्यापारिक समूह के कॉरपोरेट ऑफिस पर छापेमारी के दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज और दूसरे साक्ष्य मिले हैं। इनसे ये पता चलता है कि इस समूह के विदेशों में अकाउंट्स हैं, जिसमें जमा बेनामी फंड्स को भारतीय कंपनियों में लगाया है। छापेमारी में विभाग के ऐसे कई सबूत मिले हैं, जिनसे साबित होता है कि कंपनी ने अपने अकाउंट बुक के बाहर लेन-देन किया है।

 350 करोड़ का बेनामी फंड - 

आयकर विभाग के अनुसार  जमीन सौदों में कैश लेन-देन किया गया, अकाउंट बुक्स में फर्जी खर्च दिखाए गए और कैश खर्च को छिपाया गया। विभाग के मुताबिक समूह ने करीब 350 करोड़ रुपये का बेनामी फंड अपने विदेशी खातों में जमा कराया और फिर टैक्स हेवंस देशों से शेल कंपनियों के जरिए इन्हें भारत में अपने कारोबार में लगाया।

विदेशी निवेश - 

छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को मिले साक्ष्यों से पता चला कि ग्रुप की विदेशी इकाइयों ने विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड के जरिए भारतीय कंपनियों में निवेश किया, जिसे फिर पेमेंट में डिफॉल्ट की आड़ में इसे कंपनी के शेयरों में बदल दिया। आयकर विभाग के छापे में यह भी सामने आया है कि अघोषित फंड्स को मैनेज करने के लिए विदेशी कंपनियों और ट्रस्ट्स को मैनेजमेंट फीस दी गई। 

उल्लेखनीय है कि आयकर रिटर्न में विदेशी संपत्ति का खुलासा करना पड़ता है, लेकिन व्यापारिक समूह ने ऐसा नहीं किया। छापेमारी के दौरान यह भी पता चला है कि जमीन सौदों में 100 करोड़ रुपये का फर्जी खर्च दिखाया गया था। सीबीडीटी ने बताया कि आयकर विभाग की छापेमारी की कार्रवाई अभी जारी हैं।

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