जीएसटी : राज्यों पर कैसे पड़ेगा इसका प्रभाव, वित्तमंत्री ने पत्र लिखकर समझाया

Update: 2020-10-16 15:03 GMT

नई दिल्ली। माल एवं सेवाकर (जीएसटी) राजस्व में होने वाली कमी को पूरा करने के लिए राज्यों की तरफ से केन्द्र सरकार खुद 1.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज उठाएगी। केन्द्र और कुछ राज्यों के बीच विवाद का विषय बने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे को सुलझाने की दिशा में यह अहम कदम माना जा रहा है। 1.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज राज्यों पर कैसे प्रभाव डालेगा, इसको वित्त मंत्री ने पत्र लिखकर समझाया है। वित्त मंत्री ने लिखा, "मैं वित्तीय कठिनाइयों से अच्छी तरह वाकिफ हूं जो राज्यों को झेलनी पड़ रही है।"वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों को आश्वासन दिया है कि ब्याज दर बहुत ही उचित होगी।

>>राज्यों को उपलब्ध संसाधनों की मात्रा मुआवजे की पूरी राशि को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी जो इस वर्ष देय होगी।

>>ब्याज दर बहुत ही उचित होगी।

>>उपकर की भावी आय से ब्याज और मूलधन की पूर्ति की जाएगी

>>क्षतिपूर्ति का पूरा बकाया अंतत: राज्यों को भुगतान किया जाएगा।

>>उधार की व्यवस्था सीधे केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी और राज्यों को बैक-टू-बैक पारित की जाएगी।

बता दें केंद्र और विपक्ष शासित राज्यों में जीएसटी परिषद की बैठक में गतिरोध था, क्योंकि इस बात पर कोई सहमति नहीं थी कि कौन उधार लेगा। इससे पहले, केंद्र ने राज्यों के सामने दो उधार विकल्प दिए थे। विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य भी सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन गुरुवार को वित्त मंत्रालय ने अपना रुख नरम कर लिया और राज्यों की ओर से ऋण लेने पर सहमत हो गया। 

Tags:    

Similar News