नोटबंदी ने तोड़ी नकली नोटों के कारोबार की कमर, इतनी संख्या में नोट हुए बाहर

Update: 2021-11-08 13:25 GMT

वेबडेस्क। प्रधानमंत्री मोदी ने पांच साल पहले 8 नवंबर 2016 को देश में नोटबंदी लागू कर दी थी। प्रधानमंत्री की एक घोषणा के बाद पूरा देश पुराने नोटों को बदलने के लिए बैंकों की लंबी लाइन में खड़ा हो गया था। उस समय कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल सरकार के इस निर्णय को गलत ठहराने में जुटे हुए थे।  लेकिन इसके विपरीत ये फैसला भ्रष्टाचार और काले धन पर सरकार की बड़ी चोट साबित हुआ।  

नोटबंदी के आदेश के बाद 500 और 1000 रूपए के पुराने नोट प्रचलन से बाहर हो गए थे। उनकी जगह नए 2000 और 500 रूपये के नए नोट शुरू कर दिए थे। मोदी सरकार के इस फैसले ने जहां नकली नोटों का कारोबार ठप कर दिया।  वहीं आतंकवाद, हवाला कारोबार और नक्सली हिंसा जैसी गतिविधियों की कमर तोड़ दी।    

RBI की एक रिपोर्ट के अनुसार उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था में चलने वाले बड़े नोटों में लगभग 20-25 प्रतिशत नकली नोट थे। जोकी नोटबंदी से बाहर हो गए।  नकली नोट बर्बाद होने के बाद इनके कारोबारियों को अपना पूरा नया सेटअप बैठना पड़ा रहा है।  

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