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ऐसी गलती न करें भूलकर भी, तुरंत करा लें बंद अपने बेकार पड़े बैंक खातों को

Update: 2020-07-19 06:36 GMT

नई दिल्ली। नौकरी बदलने पर या किसी दूसरे शहर में ट्रांसफर होने के बाद भी लोग आमतौर पर बैंक खाता को वैसे ही छोड़ देते हैं। ऐसी लापरवाही आपकी जेब हल्की कर सकती है। सामान्यत: सैलरी खाता शून्य बैलेंस वाला होता है जिसमें न्यूनतम बैंलैंस रखना जरूरी नहीं होता है। लेकिन नौकरी बदलने के बाद सैलरी खाता तीन माह बाद बचत खाता की श्रेणी में आ जाता है। इसके बाद उसमें न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर हर माह 100 रुपये से लेकर 700 रुपये तक शुल्क बैंक वसूलते हैं।

इसके अलावा बैंक डेबिट कार्ड का सालाना शुल्क भी वसूलते हैं। इतना ही नहीं आयकर रिटर्न भरते समय अब सभी खातों की जानकारी देनी होती है जो परेशानी का सबब है। ऐसे में बेकार पड़े बैंक खाता को बंद कराना आपके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।

बचत खाता शुरू कराने के 14 दिनों के भीतर उसे बंद करवाने पर सामान्यतः बैंक कोई शुल्क नहीं लेते हैं। जबकि 14 दिन से लेकर एक साल की अवधि के दौरान खाता बंद करवाने पर आपको शुल्क देना पड़ सकता है। वहीं एक साल से अधिक पुराने खाते को बंद करवाने पर बैंक आम तौर पर कोई शुल्क नहीं लेते हैं। आपको अपने खाता को बंद कराने के लिए ब्रांच में जाना होगा। यहां आपको अकाउंट क्लोजर फॉर्म भरना होगा। इस फॉर्म के साथ ही आपको डी-लिंकिंग फॉर्म भी सब्मिट करना होता है। साथ ही आपको अपनी चेक बुक, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड भी बैंक में जमा कराना होती है।

खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर बैंक 700 रुपये तक हर महीने वसूल करते हैं। इसके अलावा 60 रुपये तिमाही शुल्क एसएमएस सुविधा के नाम पर देना पड़ता है। 1000 रुपये सालाना शुल्क डेबिट कार्ड और अन्य सुविधा के लिए देना होता है।

आप लगातार 12 महीने तक अपने बैंक खाता में कोई लेनदेन नहीं करते हैं तो बैंक उसे खाते को निष्क्रिय खाता मान लेगा। इसे बैंकिंग की भाषा डॉर्मेंट अकाउंट कहा जाता है। निष्क्रिय खाता में लेन-देन करने के लिए बैंक मना नहीं करते लेकिन डॉर्मेंट खाता से आप नेट बैकिंग, एटीएम ट्रांजेक्शन या मोबाइल बैंकिग नहीं कर सकते। यहां तक की बैंक आपको डेबिट कार्ड, चेक बुक और पता बदलने के लिए भी मना कर सकते हैं। इतना ही नहीं निष्क्रिय खाता को चालू करने के लिए सिर्फ एक लेनदेन करनी पड़ेगी लेकिन डॉर्मेंट खाता को चालू करने के लिए आपको ब्रांच में एक आवेदन देकर फिर से केवाईसी करानी होगी।

जब आप तय कर लेते हैं कि संबंधित बचत खाता बंद कराना है तो उस खाता से सारे पैसे निकाल लें। साथ ही अपना खाता बंद करवाते समय आपको अपने खाता से लिंक सभी डेबिट्स को डीलिंक करवा लें। अगर आपका यह बैंक खाता कर्ज की इएमआई के लिए लिंक है, तो आपको लोन देने वाले व्यक्ति या संस्था को नया खाता नंबर देना चाहिए। 

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