हिजाब को लेकर हंगामा मुस्लिम लड़कियों को औपचारिक शिक्षा से दूर रखने की साजिश था : नकवी

Update: 2022-03-15 08:06 GMT

नईदिल्ली। कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज हिजाब विवाद मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा की हिजाब पहनना इस्लाम में अनिवार्य धार्मिक हिस्सा नहीं है।  शिक्षण संस्थानों की ओर से यूनिफॉर्म तय करना गलत नहीं है और छात्र यूनिफॉर्म को मना नहीं कर सकते।

कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय पर नेताओं समेत सभी क्षेत्र के लोग प्रतिक्रिया दे रहे है।  सी कड़ी में भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा की हिजाब को लेकर जो हंगामा था वह इसलिए था कि कैसे मुस्लिम लड़कियों को औपचारिक शिक्षा से दूर रखें और तालिबानी सोच के साथ झौंक दें जिससे उन्हें औपचारिक शिक्षा न मिले। कोर्ट ने जो निर्णय लिया है वह भारत के संविधान और समाज के हिसाब से बिल्कुल ठीक है। 

बच्चों के भाग्य और शिक्षा का सवाल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एस बसवराज बोम्मई ने कहा बच्चों के लाभ के लिए सभी को कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए। यह हमारे बच्चों के भाग्य और शिक्षा का सवाल है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। वहीँ पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने कहा मैं स्कूल ड्रेस के मुद्दे पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं। उच्च न्यायालय के निर्णय ने सिद्ध कर दिया है कि धर्म और उसकी मान्यताओं पर संविधान सर्वोच्च है।  

बच्चियां पढ़ाई की ओर लौटे - 

महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा की मैं कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले का स्वगात करती हूं। जहां ड्रेस कोड लागू है वहां सभी बच्चों को पालन करना चाहिए। बच्चों को वापस स्कूल जाना चाहिए और इन सब में नहीं पड़ना चाहिए। बच्चों का इन सब में बहुत समय बर्बाद हुआ है और अपनी पढ़ाई की ओर लौटें।   

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