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ट्रांसपोर्टरों ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का किया समर्थन, देशव्यापी हड़ताल की दी धमकी

Update: 2020-12-02 15:12 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली में कृषि कानून को लेकर किसानों के आंदोलन और सरकार के साथ बातचीत के बीच अब ट्रांसपोर्टर भी उतरने का ऐलान किया है। इस बाबत AIMTC के अध्यक्ष कुलतारन सिंह अटवाल ने कहा कि यदि जल्द ही किसानों की मांग पर केंद्र सरकार अपना रुख नहीं साफ करती है तो देश भर में 8 दिसंबर से चक्का जाम किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

साथ ही एआईएमटीसी ने धमकी है कि अगर सरकार ने किसानों की मांगें को नहीं मानीं तो उत्तरी भारत से माल ढुलाई ठप कर दी जाएगी। अगर फिर भी सरकार नहीं मानी तो पूरे भारत में ट्रांसपोर्ट सेवा धीरे-धीरे ठप कर दी जाएगी।

AIMTC ने बयान जारी कर कहा, ''ट्रांसपोर्टर किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। वे अपने वैध अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। भारत के सड़क परिवहन क्षेत्र की तरह, कृषि क्षेत्र वास्तव में देश की रीढ़ और जीवन रेखा है ... 70 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवार कृषि पर निर्भर हैं। संपूर्ण उत्तर भारत और पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर से आने वाले हजारों ट्रक प्रभावित हुए हैं। हम उनका समर्थन करते हैं, क्योंकि, 65 फीसदी ट्रक कृषि से जुड़ी चीजों को लाने में लगे हुए हैं।''

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान विशेषकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हजारों किसान दिल्ली से लगती सीमाओं के प्रवेश मार्गों पर बुधवार को लगातार सातवें दिन भी डटे हुए हैं। किसानों को आशंका है कि इन कानूनों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा।

बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों - द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।

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