छोटे कारोबारियों को ब्याज मुक्त कर्ज देने पर मोदी सरकार कर रही विचार

Update: 2020-04-09 05:54 GMT

नई दिल्ली | केंद्र सरकार जल्द ही उद्योग जगत के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपये का एक और राहत पैकेज देने का ऐलान कर सकती है। राहत पैकेज के तौर पर जीएसटी में रियायत के साथ-साथ छोटे कारोबारियों को ब्याज मुक्त कर्ज देने पर विचार हो रहा है। ऐसे उद्योगों पर जोर रहेगा जो बड़े पैमाने पर रोजगार देते हैं। सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन खत्म होने से पहले आने वाले इस पैकेज में सरकार मैन्युफैक्चरिंग, एविएशन और एमएसएमई सेक्टर को टैक्स छूट और आसान ब्याज पर सशर्त कर्ज जैसे ऐलान कर सकती है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि किसी भी तरह से रोजगार पर संकट न पैदा हो।

राज्य और केंद्र के बीच तालमेल बढ़ाने की भी अपील की गई है ताकि लागू किए जाने वाले नियम कानून प्रभावी ढंग से काम कर सकें। आयकर रिटर्न को देखते हुए 500 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाले उद्योग जगत को सशर्त ब्याजमुक्त कर्ज देने की अपील की गई है। इसका लाभ लेने वालों के लिए शर्त ये होगी कि कारोबारी अपने कर्मचारियों को एक साल तक निकाल नहीं सकेंगे।

सरकार को बताया गया है कि 53 फीसदी भारतीय कारोबार में कोरोना महामारी के दौर में शुरुआती समय में ही बुरा असर पड़ना शुरू हो गया था। फिक्की के ताजा सर्वे में बताया गया है कि कंपनियों की ऑर्डर बुक में 73 फीसदी तक की गिरावट दिखने की आशंका है। वहीं कैशफ्लो 81 फीसदी तक घटने के संकेत मिल रहे हैं। सरकार से अगले छह माह के लिए जीएसटी समेत सभी तरह के टैक्स टालने की भी सिफारिश की गई है। मांग ये भी की गई है कि सरकारी विभागों में फंसी उद्योग की राशि को तुरंत देने का भी प्रावधान हो ताकि इस संकट के समय काम आ सके।

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