CBI को बड़ी कामयाबी: ऑनलाइन ठगी करने वाला अंगद सिंह चांडोक अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित
Angad Singh Chandhok Extradited from America to India : नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय नागरिक अंगद सिंह चंडोक को अमेरिका से सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित किया है। चंडोक पर शेल कंपनियों के नेटवर्क के माध्यम से वरिष्ठ अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर करोड़ों डॉलर की तकनीकी सहायता धोखाधड़ी के साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंडोक शेल कंपनियों के जाल के जरिए चुराए गए लाखों डॉलर को भारत और अन्य देशों में ट्रांसफर करता था। इस ऑपरेशन ने न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी साइबर अपराधों के खिलाफ लड़ाई को मजबूत किया है।
साइबर फ्रॉड का मास्टरमाइंड
अंगद सिंह चंडोक ने कैलिफोर्निया में एक जटिल मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क चलाया, जिसके जरिए उसने टेक सपोर्ट स्कैम के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों, विशेष रूप से बुजुर्गों, की जीवन भर की कमाई को ठग लिया। वह शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर चुराए गए धन को विभिन्न देशों में स्थानांतरित करता था। अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, चंडोक ने 2019 में अपने अपराधों को स्वीकार किया और 2022 में उसे छह साल की जेल की सजा सुनाई गई। सजा पूरी होने के बाद, सीबीआई ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर उसे भारत प्रत्यर्पित किया।
भारत में भी था वांछित
चंडोक भारत में बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में वांछित था। उसने अमेरिका में शरण लेने की कोशिश की थी, लेकिन वहां भी उसने साइबर अपराधों को अंजाम देना जारी रखा। सीबीआई ने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उसे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया। अब उसे विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा, जहां उससे भारत में दर्ज मामलों में पूछताछ के लिए हिरासत की मांग की जाएगी।
बुजुर्गों को बनाया निशाना
चंडोक का टेक सपोर्ट स्कैम विशेष रूप से बुजुर्ग अमेरिकियों को निशाना बनाता था। वह फर्जी तकनीकी सहायता सेवाओं के बहाने लोगों को डराता और उनकी बचत को हड़प लेता था। जांच में पता चला कि उसने अपने नेटवर्क के जरिए केवल एक महीने में करीब 9.3 लाख डॉलर (लगभग 7.8 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी की थी। उसने कम से कम पांच लोगों को अपने निर्देशों पर काम करने के लिए नियुक्त किया था, जो इस घोटाले का हिस्सा थे।
चंडोक का प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते कानूनी सहयोग का परिणाम है। सीबीआई ने अमेरिकी जांच एजेंसियों, जैसे होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशंस, के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई अब चंडोक से भारत में दर्ज बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में गहन पूछताछ करेगी।
उसकी गतिविधियों ने न केवल अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि भारत में भी वित्तीय संस्थानों को नुकसान पहुंचाया। इस मामले में आगे की जांच से उसके नेटवर्क के अन्य सदस्यों और संभावित सहयोगियों का पता लगाया जाएगा।