Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में धर्मांतरण निषेध कानून संशोधित के खिलाफ याचिका पर सुनवाई, अदालत ने सरकार से मांगा जवाब

Update: 2025-07-16 10:15 GMT

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार से गैरकानूनी धर्मांतरण पर 2024 के संशोधित यूपी कानून के कुछ प्रावधानों के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। जानकरी के अनुसार इस याचिका को इसी तरह के मुद्दों को उठाने वाली अन्य लंबित याचिकाओं के साथ सुनवाई के लिए संलग्न कर दिया गया है।

शीर्ष अदालत लखनऊ निवासी शिक्षाविद रूप रेखा वर्मा और अन्य द्वारा संशोधित कानून के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

याचिकाकर्ताओं ने 2024 में संशोधित उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के कुछ प्रावधानों को "अस्पष्ट और अत्यधिक व्यापक" बताया है और तर्क दिया है कि उनकी अस्पष्टता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक प्रचार का उल्लंघन करती है।

राज्य के वकील ने बुधवार को कहा कि कानून को चुनौती देने वाली इसी तरह की याचिकाएं भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष लंबित हैं।

याचिकाकर्ताओं के वकील ने बताया कि याचिका केवल 2024 में कानून में किए गए संशोधनों को चुनौती देने के लिए थी।

शीर्ष अदालत 2 मई को याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गई थी।

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