Pahalgam Attack: पाकिस्तानी नागरिकों की वीजा सेवाएं निलंबित, भारतीय नागरिकों को पाक न जाने की सलाह

PM Modi
नई दिल्ली। पाकिस्तानी नागरिकों की वीजा सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़ा निर्णय लिया है। इसके पहले भारत द्वारा सिंधु जल संधि स्थगित करने जैसे कठोर निर्णय भी लिए गए हैं।
एएनआई के अनुसार, पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा लिए गए निर्णयों के क्रम में, भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को तत्काल प्रभाव से वीजा सेवाएं निलंबित करने का निर्णय लिया है। भारत द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी मौजूदा वैध वीजा 27 अप्रैल 2025 से रद्द कर दिए गए हैं।
विदेश मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, "पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए मेडिकल वीजा केवल 29 अप्रैल 2025 तक वैध होंगे। वर्तमान में भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को संशोधित वीजा की अवधि समाप्त होने से पहले भारत छोड़ देना चाहिए। भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा करने से बचने की सख्त सलाह दी जाती है। वर्तमान में पाकिस्तान में मौजूद भारतीय नागरिकों को भी जल्द से जल्द भारत लौटने की सलाह दी जाती है।"
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने लिए थे ये निर्णय :
1) 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।
2) एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।
3) पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना (SVES) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SVES वीजा को रद्द माना जाएगा। SVES वीजा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।
4) नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है।
5) भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाया जाएगा। 1 मई 2025 तक आगे की कटौती के माध्यम से उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 कर दिया जाएगा।
