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हाथरस पीड़िता के परिवार से न मिलने देने पर हंगामा, टीएमसी की महिला नेता ने पुलिस पर ब्लाउज फाड़ने का लगाया आरोप

Update: 2020-10-02 09:33 GMT

हाथरस। हाथरस कांड पर राजनीतिक हंगामा जारी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के हाथरस जाने की कोशिश को लेकर शोर-शराबे और राजनीतिक घमासान के अगले दिन पश्चिम पंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी पीड़ित परिवार के पास पहुंचने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने उन्हें गांव के बाहर रोक दिया। इस दौरान धक्कामुक्की में सांसद डेरेक ओ'ब्रायन सड़क पर गिर पड़े तो टीएमसी की महिला सांसद प्रतिमा मंडल और ममता ठाकुर ने ब्लाउज फाड़े जाने का आरोप लगाया है।

न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से जारी वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि डेरेक ओ'ब्रायन पुलिसकर्मियों से घिरे हुए हैं उनके साथ पार्टी की महिला नेता भी हैं। इस दौरान पुरुष पुलिसकर्मी ही महिला नेता को हटाते हुए दिख रहे हैं। इस दौरान डेरेक ओ'ब्रायन सड़क पर गिर पड़ते हैं। टीएमसी नेता ममता ठाकुर ने कहा, ''हम पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे थे, लेकिन पुलिस हमें नहीं जाने दे रही थी। हमने जाने की कोशिश की, महिला पुलिसकर्मियों ने हमारे ब्लाउज को खींचा और सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठी भी चलाई। वह गिर पड़ीं। पुरुष पुलिसकर्मियों ने उन्हें छुआ। यह शर्मनाक है।''

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मृतक पीड़िता के गांव को पूरी तरह से सील कर दिया है। हाथरस में धारा 144 लगा दी है। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को भी जाने से रोका जा रहा है। गांव में भी किसी को भी एंट्री नहीं दी जा रही है। हाथरस छावनी में तब्दील हो चुकी है। चप्पे-चप्पे पुर पुलिस का पहरा है। इधर, हाथरस कांड के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को हाथरस कांड की पीड़िता के देर रात में अंतिम संस्कार की तुलना सीता की 'अग्नि-परीक्षा से की। जलपाईगुड़ी जिले में एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने इस मामले को संभालने को लेकर उत्तर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए।

मुख्यमंत्री ने कहा, ''एक बार देवी सीता को अग्नि- परीक्षा से गुजरना पड़ा था। अब उत्तर प्रदेश में दलित युवती के साथ दुष्कर्म किया गया और उसके शव को अग्नि के हवाले कर दिया गया।'' उन्होंने कहा, ''अगर कोई अपराध होता है तो कार्रवाई 72 घंटे के अंदर होनी चाहिए जैसा हमने किया। यह किस तरह का प्रशासन है जहां रात के अंधेरे में युवती के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया और (आरोपियों के खिलाफ) कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई।''

बनर्जी ने आरोप लगाया कि अपराध करने वालों ने युवती की मां को धमकाया कि उन्हें भी उनकी बेटी के साथ चिता पर लिटा दिया जाएगा। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया था, ''मेरे पास हाथरस में एक दलित युवती के साथ हुई बर्बरतापूर्ण और शर्मनाक घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं। मैं उसके परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती हूं।

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