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2005 राम जन्मभूमि मामला : 4 आरोपियों को उम्रकैद, एक को किया बरी

Update: 2019-06-18 11:00 GMT

नई दिल्ली/प्रयागराज। चौदह साल पहले अयोध्या में अधिगृहीत परिसर में आतंकी हमले के मामले में विशेष अदालत ने एक आरोपी को दोषमु्क्त किया है जबकि चार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। स्पेशल जज एससीएसटी दिनेश चंद ने मंगलवार को सेंट्रल जेल नैनी में यह आदेश दिया। मामले की सुनवाई नौ जून को पूरी कर निर्णय सुनाने के लिए 18 जून की तारीख तय की गई थी।

पांच जुलाई 2005 को सुबह करीब सवा नौ बजे अयोध्या में अधिगृहीत परिसर में असलहों से लैस आतंकी घुस गए थे। सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में पांच आतंकी मारे गए थे। दो निर्दोष लोगों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी। सात लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इसके बाद हुई जांच में आतंकियों को असलहों की सप्लाई और मदद करने में आसिफ इकबाल, मो. नसीम, मो. अजीज, शकील अहमद व डॉ. इरफान का नाम सामने आया। सभी को गिरफ्तार कर पहले अयोध्या जेल में रखा गया। वर्ष 2006 में हाईकोर्ट के आदेश पर केंद्रीय कारागार नैनी (प्रयागराज) में दाखिल कर दिया गया। सुनवाई के बाद मंगलवार को साक्ष्य के अभाव में मो. अजीज को बरी किया गया जबकि आसिफ इकबाल, मो. नसीम, शकील अहमद व डॉ. इरफान को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

गौरतलब है कि पांचों आरोपी डॉ. इरफान, मो. नसीम, मो. अजीज, आशिक इकबाल उर्फ फारूक व मो. शकील नैनी जेल में निरुद्घ हैं। सुरक्षा कारणों से मामले की सुनवाई जेल में ही होती है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक एचबी सिंह ने बताया कि अयोध्या प्रकरण की प्रतिदिन सुनवाई होती थी।

गौरतलब है कि पांच जुलाई 2005 को इस्लामिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकवादियों ने अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि परिसर की दीवार पर विस्फोटक भरी जीप से टक्कर मारी थी। जिसके बाद मुठभेड़ में वहां तैनात सुरक्षा बल ने सभी पांच आतंकियों को मार गिराया था। जबकि एक नागरिक आतंकियों द्वारा ग्रेनेड हमले में मारा गया था। सीआरपीएफ के तीन सिपाही भी हताहत हुए, जिनमें से दो गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ यह मुकदमा चल रहा है।

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