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स्मृति ईरानी ने कहा - शैक्षणिक संस्थानों को राजनीतिक अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए

- एक दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुंचीं केंद्रीय मंत्री ने रैन बसेरे का किया शुभारंभ - जब एक दुष्कर्म पीड़िता ने सुनाई पीड़ा तो असहज हो गईं मंत्री

Update: 2020-01-06 12:08 GMT

अमेठी। केंद्रीय कपड़ा व महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने जेएनयू की घटना पर कहा कि जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने से पहले बयान देना उपयुक्त नहीं है। इतना अवश्य कहूंगी कि शैक्षिक संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाया जाना चाहिए।

ईरानी एक दिवसीय दौर पर सोमवार को अमेठी पहुंची थी। उन्होंने फुरसतगंज में रैन बसेरे का शुभारंभ किया। इसके बाद सीधे गौरीगंज पहुंची, जहां राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत असैदापुर वार्ड में बनाए गए रैन बसेरे का उद्घाटन किया। इसके साथ ही अमेठी में उन्होंने अटल स्वास्थ्य मेला और रोगी आश्रय स्थल का भी उद्घाटन किया। राजस्थान में बच्चों की मौत पर उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार बच्चों की स्वास्थ्य सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर सचेत नहीं है। जब वहां के जिम्मेदारों को बुलाया गया तो उन्होंने आना भी उचित नहीं समझा।

फुरसतगंज में केंद्रीय मंत्री उस समय असहज हो गयीं, जब एक दुष्कर्म पीड़ित उनके सामने आकर अपनी दर्द बयां करने लगी। उसने स्मृति ईरानी से यहां तक कहा कि हमारी कोई सुन नहीं रहा तो हमें मौत ही दे दीजिए। पीड़ित ने कहा कि जिन लोगों ने हमारे साथ ऐसा किया, उनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है। उल्टा दारोगा घरवालों के ऊपर मुकदमा बना रहे हैं। आरोपी को पकड़कर छोड़ दिया गया। हम को धमकी और गाली दी जा रही है। इस पर स्मृति ने पूछा कि कौन है दारोगा। महिला ने कहा कि दारोगा का नाम राजीव सिंह है, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने एसपी से बात की तो उन्होंने बताया कि विवेचना बदल गई है। तब रोते हुए पीड़िता बोली कि कोई हमारी विवेचना नहीं कर रहा है हमको मौत देना ही ठीक है।

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