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रंगभरी एकादशी से अयोध्या में हुआ होली का आगाज

Update: 2019-03-17 12:24 GMT

अयोध्या। रंगभरी एकादशी बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है। रंगभरी एकादशी का अवध में काफी बड़ा महत्व है। दरअसल, इसी दिन से ही अयोध्या में होली का त्योहार शुरू हो जाता है।

रामनगरी में रंगभरी एकादशी पर्व से रविवार को अवध की होली का आगाज हो गया। कड़ी सुरक्षा के बीच रंगभरी एकादशी पर सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी मंदिर से गाजे-बाजे के साथ नागा साधुओं के साथ भक्तों ने जुलूस निकाला। मंदिर में विराजमान हनुमंतलला को अबीर-गुलाल लगाने के बाद परम्परागत हनुमानगढ़ी के निशान व छड़ी के साथ अबीर-गुलाल उड़ाती साधुओं की टोली ने पंचकोसी परिक्रमा की । इसी के साथ विभिन्न मंदिरों में संत-महतों ने अपने-अपने आराध्य को अबीर-गुलाल लगाया।

होली का निमंत्रण देते हैं हनुमान

ऐसी मान्यता है कि अयोध्या में हनुमान जी सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण देने स्वयं जाते हैं। इसीलिए उनका पवित्र निशान वर्ष में केवल एक बार इसी खास अवसर पर निकाला जाता है। बजरंग बली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी में संतों ने पंरपरा के अनुसार एकादशी तिथि पर पवित्र निशान व छड़ी का विधिपूर्वक पूजन-अर्चन किया गया। मंदिर प्रांगण में पहुंचे श्रद्धालु भक्तों ने भी गुलाल उड़ाकर जमकर होली खेली। इस दौरान भक्त अपने आराध्य के समक्ष होली खेलने में निमग्न होकर नृत्य करने लगे। इसके बाद नागा साधुओं का जुलूस मंदिर से निकला। साधु-संत करतब करते और अबीर-गुलाल उड़ाते सरयू तट पहुंचे। यहां सरयू स्नान, पूजन करने के बाद पंचकोसी परिक्रमा का श्रीगणेश किया।

पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर बिखरते हैं अबीर-गुलाल

पंचकोसी परिक्रमा कर रही नागा साधुओं की टोलियों का राजगोपाल मंदिर, छोटी छावनी, हनुमान बाग, डाडिया मंदिर, लंबे हनुमान मंदिर, भक्तमाल आदि स्थानों पर संतों व श्रद्धालुओं ने स्वागत-अभिनंदन किया। हनुमानगढ़ी से निकलकर हरिद्वारी बाजार होते हुए राजगोपाल मंदिर, खड़ेश्वरी मंदिर, मणिराम दास छावनी, बड़े भक्तमाल मंदिर, बड़ी छावनी से पंचकोसी परिक्रमा मार्ग होते हुए सियाराम किला झुनकी घाट, गोला घाट होते हुए सरयू का स्नान पूजन के बाद समाप्त होता है। 

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