केडी हॉस्पीटल: स्वाइन फ्लू संक्रमण रोककर करें नियंत्रण में सहयोग

Update: 2019-03-07 18:11 GMT

मथुरा। मल्टी स्पेशियेलिटी केडी हॉस्पीटल में मार्च में भी जारी गुलाबी ठंड के चलते वाइरल इंफेक्शन के मरीजों की ओपीडी में कोई कमी नहीं आई है। सर्दी जारी रहने से ब्रजवासियों में जुकाम, खांसी, गले में दर्द, स्वांस लेने में तकलीफ होने, बुखार उल्टी और दस्त होने के लक्षणों की शिकायतें आमतौर पर मिल रही हैं। यदि आपको भी ये लक्षण हों और साथ ही अस्थमा और मधुमेह जैसी बीमारी से पहले से ही पीड़ित हो तो आपको तुरंत किसी प्रशिक्षित फिजीशियन से परामर्श लें। चिकित्सक की सलाह और आवश्यकता पडऩे पर स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए निर्धारित केंद्र पर भर्ती कराएं।

मल्टी स्पेशियेलिटी केडी हॉस्पीटल की जनरल मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि मोडवाल ने बताया कि सर्दी के मौसम अक्टूबर से जनवरी तक सामान्य रुप से वाइरल इंफेक्शन फैलता है, क्योंकि सर्दी के मौसम में स्वाइन फ्लू का वाइरस सक्रिय हो जाता है। ग्रामीणजन स्वास्थ्य जन जागरुकता के अभाव में इन बीमारियों में खुद ही दवा लेकर ठीक करने की कोशिश करते हैं। जो कि कई बार मधुमेह और अस्थमा के मरीजों के लिए जानलेवा तक हो जाता है।

डॉ. रश्मि मोडवाल बताती हैं कि स्वांस लेने में दिक्कत होना, बुखार जुकाम आदि लक्षण स्वाइन फ्लू के हैं। जो मधुमेह और अस्थमा वाले मरीजों के लिए ज्यादा घातक हो जाते हैं। उन्होंने सलाह दी कि यदि आपको तेज बुखार और स्वांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो तुरंत चिकित्सालय लेकर आएं। मरीज को चिकित्सक की सलाह पर निर्धारित केंद्र पर भर्ती कराएं।

चिकित्सकों की राय अपनाकर वाइरल इंफेक्शन से बचें : डॉ. रामकिशोर अग्रवाल

आरके एजूकेशन हब के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल और एमडी मनोज अग्रवाल ने कहा कि केडी हॉस्पीटल का जनरल मेडिसिन विभाग काफी काबिल और जिम्मेदार है। ब्रजवासियों को चिकित्सकों की राय पर चलना चाहिए। संक्रामक बीमारियों से बचाव को सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू हर स्थिति में खतरनाक नहीं होती है। मगर चिकित्सकों की राय पर अमल करके ही ऐसी बीमारियों से बचा जा सकता है। 

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