मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमेनटीज संस्थान के रसायन विज्ञान विभाग ने द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय कॉफ्रेंस का आयोजन किया। विशेषज्ञों ने नैनो तकनीकी के प्रयोग से कैंसर जैसे महामारी के ईलाज एवं रोकथाम पर प्रकाश डाला। कॉफ्रेंस जीएलए और डीआरडीओ के सहयोग से संपन्न हुआ।
कॉफ्रेंस का शुभारंभ कुलपति प्रो. दुर्ग सिंह चौहान, डीन एकेडमिक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, कुलसचिव अशोक कुमार सिंह, प्रो. अनिरूद्ध प्रधान, प्रो. दीपक दास, प्रो. पी प्रमानिक, डॉ. मंजू रे ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
इस दौरान प्रो. दुर्ग सिंह चौहान ने साइंटिफिक कॉफ्रेंस का महत्व व जरूरतों पर प्रकाश डाला। डीआरडीओ के निदेशक डॉ. अनिल अग्रवाल ने नैनो टैक्नोलॉजी और इसकी आवश्यकता के बारे में बताया। डीआरडीओ के डॉ. पीके राय ने नैनो टैक्नोलॉजी की उपयोगिता, रक्षा अनुसंधान का तकनीकी विकास में वर्णन किया। डॉ. नागेश जी लिओस ने एयरोस्पेस एवं सैटेलाइट तकनीक के विकास में उपयोगिता पर प्रकाश डाला। सीडीआरआई लखनऊ के वैज्ञानिक डॉ. एसके शुक्ला ने एनएमआर स्पेक्ट्रोस्कॉपी की उपयोगिता शरीर की उपाचीय क्रियाओं के संचालन के संदर्भ में वर्णन किया।
कॉफ्रेंस में देश-विदेश से आये 46 से अधिक प्रवक्ताओं ने अपने अनुसंधान क्षेत्र के विभिन्न मौखिक एवं पोस्टर के माध्यम से अपने मौखिक व्याख्यान प्रदर्शित किये। इस दौरान इसरो के डॉ. एचएस जठाना, हंगरी के वैज्ञानिक अन्द्रास सापी, सीएसआईआर लैब से डॉ. कामिनी गौतम, डॉ. सचिन त्यागी, डॉ. सीमा गर्ग, प्रो. करमाकर, प्रो. सीमा भदौरिया आदि ने अपने शोध कार्य को प्रस्तुत किया।
मौखिक व्याख्यान में पुरूस्कार कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय की अंशुल चौधरी, पोस्टर पुरूस्कार सुलेमान विश्वविद्यालय के छात्र एसएन गिम्बा को, दयालबाग आगरा की छात्रा परिशा गुप्ता और नेहा सत्संगी को मौखिक पुरूस्कार प्रदान किया।
इस अवसर पर विभाग के शिक्षकगण डॉ. बसंतलाल, डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव, डॉ. प्रबल प्रताप, डॉ. डीके दास, डॉ. अभिजीत सरकार, प्रियंका परमार तथा सेमिनार में सहयोग करने वालों में राहुल पाटिल, सुधांशु सागर, अंशिका, दिव्या, सुहानी, पिंकी शर्मा, शालू चौधरी, उर्वशी सिंह आदि रहे।
अतिथियों का स्वागत डॉ. नीरज शर्मा एवं डॉ. विवेक शर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. पंकज गर्ग तथा डॉ. विनोद वशिष्ठ ने किया।