शहीद पंकज को अंतिम सलामी देने के लिए उमड़े लोग, डेढ़ साल के बेटे ने दी मुखाग्नि
मथुरा। कर चले हम फिदा जान-ओ-तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों, साँस थमती गई नब्ज जमती गई, फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया, कट गये सर हमारे तो कुछ गम नहीं, सर हिमालय का हमने न झुकने दिया.......।
सरहद पर तनाव था तभी वायुसेना एक स्पेशल ऑपरेशन के रिहर्सल पर थी। इसमें बाजना के गांव जरैलिया का बहादुर बेटा पंकज कुमार नौहवार भी शामिल था। उड़ान के दौरान ही विमान क्रैश हो गया, भारत माता का सपूत पंकज अपने देश पर कुर्बान हो गया। बेटे का शव तिरंगा में लिपट कर उसके गांव पहुंचा, तो हर आंखों से आंसु बह रहे थे। माँ की पुकार, पत्नी का बिलखना अंदर तक हिला दिया। पापा के शव को देख मासूम बेटे के करूण क्रंदन ने मानो आसमान को भी रूला दिया।
जांबाज पंकज नौहवार की अंतिम यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा। गांव जरैलिया से करीब पांच किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। यमुना एक्सप्रेस-वे के बाजना कट के समीप सैन्य सम्मान के साथ पंकज का अंतिम संस्कार किया गया। जब डेढ़ साल के बेटे ने जांबाज पिता की चिता को मुखाग्नि दी तो लोगों की आंखों में आसुओं का सैलाब आ गया।
हम आपको बता दें कि गांव जरैलिया के पंकज नौहवार एयरफोर्स में एयरमैन टेक्निकल (नायक) के पद पर तैनात थे।
सेना के एक ऑपरेशन में उनका विमान क्रैश हो गया जिसके चलते वो शहीद हो गए। तिरंगे में लिपटे पति पंकज को देखकर पत्नी मेघा रो रोकर बेसुध हो गई। किसी तरह परिजनों ने उन्हें संभाला। वहीं देश को वीर सपूत देने वाली मां का तो मानो कलेजा ही फट गया। पिता की आंखों में गम के आंसू थे तो चेहरे पर गर्व दिखाई दिया।
पंकज का डेढ़ वर्षीय बेटा पापा पापा कहकर बिलख रहा था। अंत्येष्टि स्थल को फूलों से सजाया गया। यहां सैन्य सम्मान के साथ पंकज का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
श्रद्धांजलि देने के लिए सांसद हेमा मालिनी, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, सांस्कृतिक मंत्री चौ0 लक्ष्मीनारायण चौधरी, विधायक श्याम सुंदर शर्मा, रालोद के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी, एमएलसी संजय लाठर, एचपी सिंह परिहार, पूर्व विधायक प्रदीप माथुर, डीएम सर्वज्ञराम मिश्रा, एसएसपी सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सौहन सिंह सिसौदिया, शहर अध्यक्ष आबिद हुसैन समेत विभिन्न पार्टियों के कई नेता मौजूद रहे।