संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल में लगा नि:शुल्क चिकित्सा शिविर

Update: 2019-02-02 16:12 GMT

मथुरा। संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल के पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डा. सुशील एमपी की देखरेख में शनिवार को नि:शुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया जिसमें जोड़ दर्द से पीडि़त सौ से अधिक मरीजों का पंचकर्म विधि से उपचार किया गया।

संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल में पंचकर्म चिकित्सा सुविधा होने से यहां माइग्रेन की समस्या से पीडि़त मरीजों को भी चिकित्सा लाभ मिल रहा है। जिन मरीजों को पेट सम्बन्धी रोग हैं या गैस बनने की शिकायत है अथवा कब्ज के कारण जिनकी पाचन क्रिया सही नहीं रहती ऐसे मरीजों का इलाज भी यहां पंचकर्म चिकित्सा के माध्यम से किया जाने लगा है। पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सुशील एमपी का कहना है कि लगातार काम करने और थकान की वजह से हाथ, पैर, जोड़ों आदि में दर्द होना आम बात है लेकिन अगर यह दर्द कई दिनों तक बना रहे तो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा में वृद्धि यानी हाइपरयूरीकेमिया का भी संकेत हो सकता है, ऐसे में इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए।

डा. सुशील का कहना है कि देश भर में गठिया के मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। गठिया का मुख्य कारण शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा का जरूरत से ज्यादा बढ़ जाना होता है। डॉ. सुशील का कहना है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को यह परेशानी अधिक होती है। संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल में लगे चिकित्सा शिविर में डॉ. सुशील एमपी, गुदा रोग विशेषज्ञ डॉ. पवन गुप्ता, डॉ. संतोष कुंतल, नितिन प्रताप सिंह, भगत सिंह, पंचकर्म थेरेपिस्ट प्रभावती, दुर्गेश, देवेश यादव आदि ने सेवाएं प्रदान की। डॉ. पवन गुप्ता ने बताया कि 16 फरवरी को यहां गुदा रोग, बवासीर, भगंदर आदि के पीडि़तों का उपचार किया जाएगा।

उप-कुलाधिपति राजेश गुप्ता का कहना है कि संस्कृति यूनिवर्सिटी उच्च शिक्षा के साथ-साथ मथुरा और आसपास के जिलों के लोगों को भारतीय चिकित्सा पद्धति (आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी) से निरोगी रखने को प्रतिबद्ध है। मथुरा धार्मिक नगरी होने के चलते यहां भारतीय चिकित्सा पद्धति का विशेष महत्व है। संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल और संस्कृति यूनानी मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल चिकित्सा शिक्षा ही नहीं शोध और औषधियों के निर्माण की दिशा में भी अग्रसर है। 

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