नई पीढ़ी को शिक्षा के साथ संस्कार दे रही है संस्कृति यूनीवर्सिटी-सचिन गुप्ता

Update: 2019-01-03 17:05 GMT

छात्रों को ऐसी शिक्षा दी जा रही है ताकि वो समाज में जाकर युवाओं को रोजगार दें 

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय देश की युवा पीढ़ी को इंजीनियरिंग, प्रबंधन और चिकित्सा शिक्षा के साथ ही उनको संस्कारित भी कर रही है। अरबिंदो आश्रम के साथ अनुबंध और आयुर्वेदिक शिक्षा को लेकर भविष्य की योजनाएं हमारे दावे को सही साबित करती है। विश्वविद्यालय ने दिव्यांगों को शिक्षित कर उन्हें स्वावलंबी बनाने का बीड़ा उठाया है। अभी तो ये शुरूआत भर है हमारी प्लानिंग में शिक्षा के साथ ही समाजसेवा का भी समावेश है।

संस्कृति यूनीवर्सिटी के कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने विश्वविद्यालय की भविष्य की योजनाओं को हमारे संवाददाता के साथ साझा किया। इस खास बातचीत में उन्होंने बताया कि हम छात्रों को प्रबंधन, कृषि, इंजीनियरिंग, आयुर्वेदिक चिकित्सा शिक्षा के साथ ही कई ऐसे कोर्स उपलब्ध करा रहे है जिनका अध्ययन कर छात्र समाज में जाकर और लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकते है।

पश्चिम संस्कृति की चकाचौंध में देश में युवा पीढ़ी भारत की संस्कृति से दूर होती जा रही है। ऐसे में संस्कृति यूनीवर्सिटी ने पंडिचेरी की अरबिंदो सोसायटी से करार किया है। इस करार के बाद यूनीवर्सिटी में पढ़ रहे प्रत्येक छात्र के लिए सोसायटी के कोर्स भी अनिवार्य कर दिए गए है इसमें वो भारत की कला, संस्कृति, डांस आदि को सीख रहे है और बारीकी से समझ रहे है। शिक्षण कार्य पूर्ण होने के दौरान एक बार छात्रों के दल को पंडिचेरी स्थित अरबिंदो आश्रम में व्यवहारिक ज्ञान के लिए भी भेजा जाएगा।

एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया प्राइवेट विवि और सरकारी विवि के प्रति समान नहीं है शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले निजी विवि को सरकार का सहयोग मिले तो शिक्षा के क्षेत्र की तस्वीर बदली जा सकती है। उन्होंने कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय बहुत जल्द आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की पंचकर्म विधि को लांच करने जा रही है। ताकि ब्रज को आध्यात्मिक स्थल होने के साथ ही मेडिकल टूरिज्म के रूप में भी भारत के नक्शे पर स्थापित किया जा सके।

इस खास बातचीत में कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने भविष्य की कई योजनाओं की जानकारी साझा की और तल्ख सवालों को बेवॉकी के साथ जबाव दिया। 

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