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शिक्षाविद् डा.रामकिशोर अग्रवाल की अभिनव पहल, खेत में न जलाएं पराली, गोशालाओं में भेजें

आरके ग्रुप ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

Update: 2018-11-03 09:33 GMT

मथुरा। खेतों में धान की पराली को जलाना एक राष्ट्रीय समस्या बन गई है। इस समस्या के समाधान का मंत्र दिया है शिक्षाविद् और आरके ग्रुप के चेयरमैन डाॅ. रामकिशोर अग्रवाल ने। मंत्र भी ऐसा जिसमें एक तरफ खेतों में पराली को जलाने से पैदा हो रहे प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी तो दूसरी ओर गौशालाओं में भूखी गायों को चारा भी मिल सकेगा। भावुक अपील के साथ आरके ग्रुप ने सहयोग की अभिनव पहल भी की है।

खेतों में धान की पराली जलाने से वातावरण में जहर घुलता है इससे हवा में घुटन और कई तरह की बीमारियां जन्म ले रही है। पर्यावरण को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण सहित उच्च न्यायालय ने भी सख्त आदेश जारी किया है। बावजूद इसके खेतों में पराली जलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। मथुरा में भी ये समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है।

शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे आरके ग्रुप के चेयरमैन डाॅ. रामकिशोर अग्रवाल ने इस राष्ट्रीय समस्या के समाधान के लिए अभिनव पहल की है। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि धान की पराली का भूसा गाय ज्वार की करब में मिलाकर चारे के रूप में स्वाद के साथ ग्रहण करती है। ऐसे में अगर किसान धान की पराली को गौशालाओं तक पहुंचाने का कार्य करें तो एक तरफ खेतों में धान की पराली जलाने से पैदा हो रहे प्रदूषण को रोका जा सकता है तो दूसरी ओर गौशालाओं की भूखी गायों को निवाला भी मिल जाएगा।

उन्होंने किसानों से भावुक अपील की है कि अगर पराली को गौशाला भेजने के लिए आपके पास कोई साधन उपलब्ध नहीं है तो जिस गौशाला में पराली भेजनी है, उससे सम्पर्क कर लें। गौशाला में बात होने के बाद हमारे टेलीफोन नंबर-7017978808 पर सम्पर्क करें। गु्रप की ओर से पराली ढोने को वाहन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करा दी जाएगी।

इस दीवाली दीए जलाएं पटाखों से करें परहेज

जिन बच्चों की खुशियों के लिए हम उन्हें खुशी-खुशी बाजार से पटाखे खरीदकर दे रहे है उन्हीं पटाखों के धुएं से वातावरण में जहर घुलता है। ये जहरीली हवा बच्चों और बुजुर्गो के साथ आम जन को भी बीमार बना रही है।

ऐसे में शिक्षाविद् डाॅ. रामकिशोर अग्रवाल ने आम लोगों ने अपील की है कि वो इस दीपावली पर दीपक खूब जलाएं पर पटाखे बिलकुल न चलाएं। हम सब मिलकर धैर्य रखते हुए अपने बच्चों को समझाएं कि पटाखे चलाने से वातावरण दूषित होता है। साथ ही पर्यावरण की समस्या विकट होती जाती है। आम जन को को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से जूझना पड़ता है। इस लिए हम सब का ये कर्तव्य बनता है कि हम सब मिलकर स्वयं पर्यावरण को शुद्ध रखतेे हुए विभिन्न प्रकार की बीमारियों से स्वयं को बचाएं। 

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