संतों के विरोध के बाद सनी लियोनी का कार्यक्रम कैंसिल, नए साल में होना था प्रोग्राम
धार्मिक नगरी मथुरा में नए साल में सनी लियोनी का कार्यक्रम आयोजित था। संतों की नाराजगी और विरोध के बाद इसे कैंसिल किया गया।
मथुराः पूरे देश में नए साल के लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। जहां कुछ लोग पार्टी कर अपना नया साल मनाना चाह रहे हैं। वहीं, कुछ लोग मंदिर में अपने आराध्य के दर्शन कर अपना नया साल मनाना शुरू कर रहे हैं। विंटर वेकेशन के चलते कई लोग धार्मिक जगहों पर पहुंचकर नया साल मनाना चाह रहे हैं। ऐसे में बड़े-बड़े होटल और क्लब के मालिक नए साल को बेहतरीन बनाने के लिए बॉलीवुड स्टार बुलाने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे ही कुछ लोगों ने मथुरा में सनी लियोनी का डीजे प्रोग्राम रख दिया।
हिंदू संगठनों को इस बात की जानकारी हुई तो वह विरोध में उतर आए। इतना ही नहीं साधू संतों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया। कार्यक्रम को लेकर उन्होंने जिलाअधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। वहीं, हिंदू संगठनों ने कहा था कि ये प्रभु की ब्रज भूमि है, यहां एक्ट्रेस का क्या का क्या काम है।
रद्द हुआ कार्यक्रम
संतों की तरफ से ज्ञापन मिलने और विरोध को देखते हुए आनन-फानन में कार्यक्रम को निरस्त कर दिया गया है। कार्यक्रम रद्द होने के बाद से वृंंदावन मथुरा के साधु संतों में खुशी की लहर दौड़ गई है। उन्होंने भगवान कृष्ण को धन्यवाद दिया। बता दें कि इस कार्यक्रम को कैंसिल कराने के लिए श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास जैसे संगठनों ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र लिखकर आयोजकों पर कार्रवाई की मांग की थी।
धार्मिक भावनाओं का रखेंगे ध्यान
सनी लियोनी के कार्यक्रम के अयोजनकर्ता ने प्रोग्राम रद्द होने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बृजवासियों की ब्रज की सांस्कृतिक परंपराओं का सम्मान करते हुए भावनाओं को ध्यान में रखते हुए 1 जनवरी 2026 का आयोजित कार्यक्रम निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही भरोसा दिलाया है कि भविष्य में इस तरह का कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा, जिससे बृजवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंचे।
विरोध की मेहनत रंग लाई
वहीं, कार्यक्रम कैंसिल होने के बाद संगठन के कार्यकर्ताओं और साधु संतों ने कहा कि जिस तरह से कार्यक्रम का विरोध किया गया, वह मेहनत रंग लाई है। जिस तरह से कार्यक्रम रद्द हुआ है उससे भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद बृजवासियों को मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह का कार्यक्रम पूर्व में ना हो और ब्रज की मर्यादा को ध्यान में रखकर कार्यक्रम कराए जाएं।