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शैलेज भगत तुम पुनः बृज की सेवा करने आओगे

महान संत देवराहा बाबा की भविष्णवाणी, आज हो रही है चरितार्थ

Update: 2019-11-01 16:24 GMT

मथुरा। ब्रह्मलीन महान संत देवराहा बाबा अक्सर कहा करते थे, शैलेज भगत तुम रिटायर होने के बाद भी एक बार फिर बृज की सेवा करने आओगे। शैलेज भगत वे प्यार से शैलजाकांत मिश्रा से कहा करते थे। उस समय शैलजाकांत जी मथुरा के एसएसपी थे और वर्तमान में बृज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष हैं।

शैलजाकांत जी बताते हैं कि मैं उस समय समझ नहीं पाता था कि ऐसा कैसे हो पाएगा? रिटायरमेंट के बाद फिर सरकार मुझे क्यों और कैसे बृज की सेवा के लिये भेजेगी? खैर जो भी है अब स्थिति सभी के सामने हैं।




 


देवराहा बाबा एक दुर्लभ और अंतरयामी संत थे। उनके द्वारा शैलजाकांत जी को दिया आशीर्वाद आज फलीभूत हो रहा है जिससे न सिर्फ वे अपितु संपूर्ण बृजवासी लाभान्वित हो रहे हैं। इस संवाददाता ने बाबा के अनेक चमत्कार स्वयं देखे और महसूस किये हैं।

बाबा शैलजाकांत जी को अत्यधिक प्यार करते थे तथा अंतिम दिनों तक उनके सबसे ज्यादा निकट कोई था तो वे थे शैलजाकांत मिश्र। बाबा ने शैलजाकांत मिश्र से कहा था कि बच्चा कभी अपने लिये जमीन मत खरीदना और उनकी पत्नी श्रीमती मंजरी देवी से कहा कि बेटी कभी सोना मत खरीदना और न ही धारण करना। आज पूरे देश में शैलजाकांत जी की एक इंच भी जमीन नहीं है और उनकी पत्नी के पास एक तोला भी सोना नहीं है और ना ही उन्होंने सोने का कोई आभूषण धारण किया।

धन्य है शैलजाकांत जी जो आज के इस युग में इस प्रकार का सादगीपूर्ण और ईमानदारी का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उनके बारे में अगर लिखा जाये तो एक पुस्तक हो जायेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें समूचे प्रदेश के धार्मिक स्थलों का प्रभारी बनाना चाहते थे यानी बृज तीर्थ विकास परिषद के बजाय उप्र तीर्थ विकास परिषद का उपाध्यक्ष बनाने की उनकी मंशा थी। इसी को मद्देनजर रखकर उन्होंने शैलजाकांत जी के साथ उत्तर प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों का निरीक्षण हैलीकाॅप्टर द्वारा किया किंतु श्री मिश्र ने उनसे विनम्रतापूर्वक कहा कि मेरी रूचि केवल बृज में है। अतः उनकी इच्छा के अनुरुप योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद का गठन करने के बजाय बृज तीर्थ विकास परिषद का गठन कर उन्हें चीफ सैकेट्री का दर्जा उनके सम्मान के अनुरुप दिया।

शैलजाकांत मिश्र की काबलियत और ईमानदारी की वजह से सांसद हेमामालिनी भी उनकी मुरीद हैं तथा कई बार उन्होंने कहा भी है कि ऐसे ही व्यक्ति की मुझे तलाश थी। आज के इस समय में जब चारों ओर लोग अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं। न कोई नैतिकता है न कोई चरित्र है। शैलजाकांत मिश्र जैसा व्यक्ति जो गृहस्थ के संत है, को मुख्यमंत्री ने बृज की सेवा का मौका दिया वह अत्यंत सराहनीय एवं बृज के लिये सौभाग्य की बात है।

वहीं दूसरी ओर ऐसे लोग जिनकी दुकानें शैलजाकांत जी ने बंद करा दी। वे बुरी तरह से छटपटा रहे हैं, जैसे जल में से मछली को बाहर निकालने पर वह जमीन पर छटपटाती है। विरोध तो स्वभाविक है क्योंकि उनकी दुकानें बंद हो गयी हैं। राम का रावण ने और कृष्ण का कंस ने भी विरोध किया था। यदि इतिहास को उठाकर देखें तो अच्छे लोगों का ज्यादा विरोध होता रहा है। तीन दशक पूर्व शैलजाकांत जी जब मथुरा में एसएसपी थे तब भी गौ हत्यारों के समर्थक कुछ आसुरी लोग उनका विरोध किया करते थे और आज जब वे इस समय हैं तब भी कुछ लोग उनका विरोध कर रहे हैं।  

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