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नयति अस्पताल ने लाश को बनाया बंधक, वजह आपको भी हैरान कर देगी

Update: 2019-09-18 07:48 GMT

मथुरा। नयति अस्पताल का इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक और मामला सामने आया है। चिकित्सकों की लापरवाही के चलते गर्भवती महिला की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने बकाया राशि का भुगतान न करने पर शव को 24 घंटे से ज्यादा समय तक अस्पताल में ही रखा। आक्रोशित परिजनों के अस्पताल परिसर में हंगामा करने के बावजूद अस्पताल प्रशासन टस से मस नहीं हुआ। हारकर एसएसपी के यहां पहुंचकर पीड़ितों ने प्रार्थना पत्र दिया। एसएसपी के आदेश पर सीओ सदर के हस्तक्षेप के बाद आधे पैसे देकर परिजनों को शव सौंपा गया।

जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पर मगोर्रा क्षेत्र के सैंकड़ों ग्रामीण पहुंचे। इनमें मौजूद मगोर्रा निवासी सुभाष ने बताया कि उसके बेटे की बहू गर्भवती थी। उसकी अचानक तबियत खराब होने पर गांव में ही मौजूद भावना नर्स को बुलाया गया। हालत गंभीर देख नर्स प्रसूता को सदर क्षेत्र स्थित श्रीजी अस्पताल लेकर पहुंची यहां चिकित्सकों से प्रसूता का केस नहीं संभला। प्रसूता की स्थिति लगातार खराब होती गई। श्रीजी अस्पताल के चिकित्सकों ने प्रसूता को नयति अस्पताल भेज दिया।

नयति अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने बताया कि प्रसूता की बच्चेदानी निकालनी पड़ेगी। उसके बाद प्रसूता ठीक हो जाएगी। प्रसूता की ब्लिडिंग रुक नहीं रही थी। इस दौरान चिकित्सकों ने 12 यूनिट खून भी परिजनों से ले लिया। उसके बावजूद भी प्रसूता नहीं बच पाई और गुरुवार को उसकी मौत हो गई। प्रसूता की मौत के बाद चिकित्सकों ने परिजनों को शव देने की बजाए 2 लाख 60 हजार का बिल थमा दिया और कहा कि बिल की राशि जमा करके शव ले जाओ। परिजनों ने बताया कि 70 हजार रुपये पहले ही दे चुके थे। अस्पताल प्रशासन द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया कि जब तक रुपया नहीं दोगे शव नहीं मिलेगा, जबकि हमने पहले ही कहा थी कि हम लोग गरीब हैं। ज्यादा खर्चा नहीं कर सकते, लेकिन वह नहीं माने। परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा भी काटा लेकिन अस्पताल प्रशासन टस से मस नहीं हुआ।

एसएसपी द्वारा सीओ सदर को नयति अस्पताल भेजा गया। वहां उन्होंने मृतका के परिजनों और चिकित्सकों को समझाया तो अस्पताल प्रशासन को झुकना पड़ा। दो लाख 60 हजार की जगह 1 लाख 25 हजार रुपये मृतका के परिजनों से लिए गए। मृतका के परिजन इससे भी खुश नहीं थे। उनका कहना था कि यह अस्पताल नहीं लूट का अड्डा है। यहां लाशों का भी सौदा किया जाता है। इस अस्पताल ने इंसानियत को शर्मसार करके रख दिया है।  

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