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केडी मेडीकल के चिकित्सक अपने को विद्यार्थियों का अभिभावक समझें-डाॅ. रामकिशोर जुनूनी

शिक्षा जगत के पितामह ने डाॅक्टरों को दिये टिप्स

Update: 2019-11-28 04:10 GMT

मथुरा। केडी मेडीकल कालेज के डाक्टर अपने को डाक्टरी पढ़ने आये स्टूडेंटों का अभिभावक समझें। यदि वे ऐसा करेंगे तो डाक्टरी की शिक्षा प्राप्त करने आये स्टूडेंट न सिर्फ अच्छे चिकित्सक बनेंगे बल्कि केडी मेडीकल कालेज का भी नाम रोशन करेंगे।

उक्त बात आज सांय डाक्टरों की मीटिंग में केडी मेडीकल कालेज के चेयरमैन डाॅ. रामकिशोर अग्रवाल ने डाक्टरों को शिक्षा के टिप्स देते हुए कहीं।

उन्होंने कहा कि आप लोग अपने स्टूडेंटों को दुरुस्त बनाओ, यदि उनको 3 नंबर देने हैं तो 2 नंबर दो। यह नहीं कि 5 नंबर दे दो। डाॅ. रामकिशोर कहते हैं कि ज्यादा नंबर तो बाद में भी दिये जा सकते हैं। आगे भी मौके आयेंगे। सबसे पहले तो उन्हें दुरुस्त बनाना है ताकि वे भी आगे चलकर मरीजों का अच्छा इलाज करें।

डाॅ. रामकिशोर कहते हैं कि यदि उन्हें (स्टूडेंटों को) पहले ही अधिक नंबर मिल जायेंगे तो वे अधिक परिश्रम क्यों करेंगे। सबसे पहले उन पर ऐसा दबाव बनाओ जिससे वे परिश्रम करें और लायक डाॅक्टर बनकर केडी मेडीकल का नाम रोशन करें।

दरअसल यह संवाददाता आज डाॅ. रामकिशोर अग्रवाल से मिलने व उनकी कुशलक्षेम लेने केडी मेडीकल गया था। काफी समय पूर्व गिर जाने के कारण उनके पैर की हड्डी टूट गयी थी। अब उनके पैर में काफी सुधार है व प्लास्टर भी उतर चुका है किंतु पूर्णतः ठीक होने में अभी कुछ समय और लगेगा। इस दौरान इस संवाददाता ने मीटिंग में शिक्षक डाक्टरों को टिप्स देते हुए डाॅ. रामकिशोर अग्रवाल को देखा।

उल्लेखनीय है कि पैर की हड्डी टूट जाने के बाद भी रामकिशोर अग्रवाल ने अपना रूटीन नहीं तोड़ा और ना ही मेडीकल कालेज जाना नहीं छोड़ा। भले ही उन्हें वाॅकर की व और लोगों की मद्द लेकर चलना पड़ा।

यह निर्विवाद है कि डाॅ. रामकिशोर जुनूनी हैं। यही जुनून उन्हें मथुरा में शिक्षा जगत का पितामह बना चुका है। उन्होंने मथुरा से लेकर नोएडा तक कालेजों की लाइन लगा रखी है।  

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