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सीएए हिंसा को लेकर योगी सरकार का अपराधियों पर करारा प्रहार

Update: 2020-01-01 15:07 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमान संभाली है, तब से ही प्रदेश में कई मौकों पर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। कुछेक मौकों पर एनकाउंटर से भी उन्हें सबक सिखाया गया। अब एक बार फिर यूपी पुलिस एक्टिव मोड में है।

उसने चरमपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 25 सदस्यों को राज्य के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया है। उन पर आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप है। यूपी के आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रवीण कुमार ने यह जानकारी दी। पीएफआई का नाम हाल ही में तब चर्चा में आया था, जब यूपी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भडक़ी थी।

पीएफआई वर्ष 2006 में केरल में नेशनल डवलपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) के मुख्य संगठन के रूप में शुरू हुआ था। इससे पहले यूपी सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पीएफआई को बैन करने की मांग को लेकर पत्र भेजा था। मंत्रालय खुफिया एजेंसियों और एनआईए से इनपुट ले सकता है। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पकड़े गए पीएफआई के सदस्य और उनके आतंकी संगठन सिमी के साथ संबंध होने की जानकारी यूपी पुलिस ने मंत्रालय को दी है। इस बीच पीएफआई ने यूपी पुलिस के आरोपों को खारिज किया है। पीएफआई खुद को एक गैर सरकारी संगठन बताता है। इस संगठन पर कई गैर-कानून गतिविधियों में पहले भी शामिल रहने का आरोप है। 

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