उप्र में फिर उठा प्रियंका राग

कहा जा रहा है कि वे अपनी मां सोनिया गांधी की लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं ?

Update: 2018-08-06 17:22 GMT

लखनऊ, विशेष संवाददाता। उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी को लेकर एक बार फिर से अटकलबाजी जोर पकड़ रही है। कहा जा रहा है कि वे अपनी मां सोनिया गांधी की लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं? कांग्रेस अध्यक्ष राहल गांधी का अगर अमेठी से चुनाव लडऩा तय है तब संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी का क्या होगा? क्या वे राज्यसभा में जाएंगी? बताया जा रहा है कि उन पर बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दबाव बनाया है कि वे प्रियंका को चुनाव में उतारें। हालांकि इस तरह की मांग पहले भी कई बार उठ चुकी है लेकिन प्रियंका पर कोई निर्णय नहीं हुआ। आगामी नवंबर माह में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के बाद लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजेगी। ऐसे में कांग्रेस के पास कोई ठोस रणनीति नहीं है। प्रदेश संगठन राजनीतिक निर्वात में सोया पड़ा हुआ है। ऐसे में मायूस कार्यकर्ता ले-देकर प्रियंका का नाम उछाल देते हैं। सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस उत्तर प्रदेश में बैसाखी का सहारा ढं़ूढ़ रही है तो उसे प्रियंका की क्यों जरूरत आन पड़ेगी? जानकारों का मानना है कि प्रियंका के चुनाव में उतरने से कांग्रेस में दो केंद्र बिन्दु बन जाएंगे। ऐसे में राहुल गांधी का पूरा करियर ही दांव पर लग जाएगा। सोनिया गांधी ऐसा कदापि नहीं चाहेंगी। तब प्रियंका पर अभी सस्पेंस बना रहने वाला है।

कांग्रेस के लगातार गिरते चुनावी ग्राफ के चलते पार्टी कार्यकर्ता लगातार असमंजस की स्थिति में बने हुए हैं। खासकर उत्तर प्रदेश में कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की मन:स्थिति ज्यादा खराब है। कार्यकर्ताओं को न तो मार्गदर्शन मिल पा रहा है और न ही वो ऊर्जा जिसकी उन्हें दरकार है। ऊपर से पार्टी फंड भी कार्यकर्ताओं को हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने को मजबूर कर रहा है। खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की बात करें तो उनके पास अभी तक चुनाव संबंधी कोई रणनीति है न ही सीटों का गणित। प्रियंका के चुनाव में उतरने के सवाल पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर बिफर पड़ते हैं। राजबब्बर कहते हैं जब उन्हें खुद पता नहीं कि वे चुनाव लड़ेंगे अथवा नहीं, फिर प्रियंका गांधी के बारे में कैसे कह सकते हैं।

कांग्रेस रणनीतिकारों को लगता है कि केंद्र में मोदी के विजयी रथ को रोकने के लिए रास्ता उत्तर प्रदेश में ही बनेगा। उन्हें कम सीटों पर रोक दिया जाए तो केंद्र में नया विकल्प सामने आ सकता है। ऐसे में प्रियंका गांधी की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है, इस राय से कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी सहमत बताए जा रहे हैं। ऊपर से सपा और बसपा को भी लग रहा है कि अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनाव में उतरती हैं तो उत्तर प्रदेश में माहौल बदल जाएगा। ऐसे में राहुल गांधी को भाजपा की चुनौती भी समाप्त होगी। बहरहाल, शह और मात के खेल में कांग्रेस अभी तो बसपा और सपा को ही ढ़ाल बनाकर आगे बढ़ रही है।

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