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यूपी में अब होगा मुर्गियों के अपशिष्ट से बिजली एवं सीएनजी का उत्पादन

- बायो एनर्जी डेवलपमेंट बोर्ड का गठन

Update: 2019-08-01 06:21 GMT

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में अब कुक्कुट पालकों के लिए बड़ी खबर है। कुक्कुट फार्म में उनके अपशिष्ट(बीट) से सरकार अब जल्द बिजली एवं बायो एनर्जी (सीएनजी) का उत्पादन करने की योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के लागू होने के बाद कुक्कुट के अपशिष्ट से होने वाली बीमारी से न केवल मुक्ति मिलेगी बल्कि बिजली व बायोएनर्जी की किल्लत से भी राहत मिलेगी। इस संबंध में तकनीकी सहयोग के लिए शासन ने बायो एनर्जी डेवलपमेंट बोर्ड गठित किया गया है। इस प्रोजेक्ट पर कुल 70 लाख प्रति इकाई की लागत आएगी। यह जानकारी जिला मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बिजेंद्र त्यागी ने गुरुवार को दी।

डॉ त्यागी ने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार ने शासनादेश सभी जिलों को जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि जिन कुक्कुट पालकों के पास कम से कम 30 हजार पक्षी हैं, उन्हें इस तकनीक को मुहैया कराया जाएगा। इस योजना के तहत कुक्कुट पलकों के लिए बैंक ऋण व अनुदान की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि 30 हजार के अधिक कुक्कुट पालने से पांच मीट्रिक टन अपशिष्ट (बीट) एकत्र होता है। इस तकनीक के जरिए जनरेटर चलाकर विद्युत एवं सीएनजी का उत्पादन किया जाता है। यह तकनीक अभी तक अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील जैसे विकसित देशों में थी। अब इसे भारत में भी लाया जा रहा है। इसको लेकर गाजियाबाद पशुपालन विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए पात्र आवेदकों से आवेदन मांगे हैं।

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