यूपी में SIR की समयसीमा बढ़ी, अंतिम मतदाता सूची 6 मार्च 2026
यूपी में SIR की समयसीमा बढ़ाई गई। कच्ची सूची 6 जनवरी और अंतिम मतदाता सूची 6 मार्च 2026 को जारी होगी।
लखनऊः उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की समयसीमा एक बार फिर बढ़ा दी गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि अब मतदाता सूची का प्रारूप (कच्ची सूची) 6 जनवरी 2026 को प्रकाशित होगा। पहले यह 31 दिसंबर 2025 को प्रस्तावित था। वहीं, अंतिम मतदाता सूची 6 मार्च 2026 को जारी की जाएगी।
संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अवधि 6 जनवरी से 6 फरवरी 2026 तक रहेगी। इससे पहले यह समय 16 दिसंबर से 15 जनवरी तय था। इसके अलावा, नोटिस जारी करने, गणना प्रपत्रों पर निर्णय और दावे-आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया 6 जनवरी से 27 फरवरी 2026 तक चलेगी।
27 अक्टूबर को हुई थी एसआईआर की घोषणा
चुनाव आयोग ने 27 अक्टूबर को SIR कराने की घोषणा की थी। इसके बाद 30 नवंबर और 11 दिसंबर को कार्यक्रम में संशोधन किया गया। मंगलवार को आयोग ने तीसरी बार समयसीमा बढ़ाने का फैसला किया। यह विशेष गहन पुनरीक्षण 1 जनवरी 2026 को अर्हता तिथि मानकर किया जा रहा है।
बीएलओ की भूमिका
हर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) अपने क्षेत्र के प्रत्येक मतदाता के घर जाकर SIR फॉर्म की दो प्रतियां देगा। दोनों प्रतियां मतदाता द्वारा भरी जाएंगी। एक प्रति बीएलओ के पास जमा होगी और दूसरी मतदाता के पास रहेगी, जिस पर बीएलओ के हस्ताक्षर भी होंगे। दोनों फॉर्म पर फोटो लगाना अनिवार्य होगा।
फॉर्म भरते समय ध्यान रखने वाली बातें
मोबाइल नंबर साफ और सही लिखें।
जन्मतिथि और एपिक नंबर की जांच कर लें।
आधार नंबर देना वैकल्पिक है, अनिवार्य नहीं।
मतदाता के पास रहने वाली फॉर्म कॉपी सुरक्षित रखें।
SIR क्यों जरूरी है
-फॉर्म जमा न करने पर नाम मतदाता सूची से हट सकता है।
-एक व्यक्ति का नाम देश में केवल एक ही मतदाता सूची में रहेगा।
-डुप्लीकेट और फर्जी मतदाताओं को सूची से हटाया जाएगा।
इसके साथ ही जो मतदाता फिलहाल अपने निवास स्थान से बाहर हैं, वे संबंधित बीएलओ से संपर्क कर फॉर्म जरूर प्राप्त करें।